राजस्थान के सीकर जिले के लोगों ने धार्मिक सौहार्द की एक नई मिसाल पेश की है. सीकर के कोलीड़ा गांव के मुस्लिम समुदाय ने हिंदुओं को मंदिर के निर्माण के लिए कब्रिस्तान की करीब दो बीघा जमीन दान कर दी. गांव के पूर्व सरपंच शिवपाल सिंह मील हिंदुस्तान टाइम्स अखबार को बताते हैं कि गांव के जाट समुदाय ने करीब दस साल पहले अपनी कुल देवी 'सुरजल माता' का छोटा सा मंदिर बनवाया था. उनके अनुसार उस समय मुस्लिम समुदाय ने करीब एक बीघा जमीन मंदिर बनाने के लिए दान में दी थी. शिवपाल के मुताबिक दो साल पहले जब इस मंदिर को भव्य और बड़ा बनवाने की तैयारी शुरू हुई तो इसके लिए जमीन कम पड़ गई. वे आगे बताते हैं कि जब यह बात गांव के मुस्लिमों को पता चली तो वे खुद मंदिर के लिए कब्रिस्तान की जमीन देने का प्रस्ताव लेकर उनके पास आ गए और गांव की पंचायत को जमीन देने के निर्णय के बारे में लिखकर दे दिया.

कोलीड़ा गांव के उप सरपंच मोहम्मद इशाक बताते हैं, 'गांव में पुराने कब्रिस्तान की जमीन का करीब 50 सालों से कोई इस्तेमाल नहीं हुआ था. जब हमें पता लगा कि हिंदू भाइयों को मंदिर के लिए जमीन की जरूरत है तो हमने अपने समुदाय के लोगों को बुलाकर इस मामले पर सलाह मशविरा किया.' इशाक के मुताबिक समुदाय के सभी लोगों के राजी हो जाने पर उन्होंने कब्रिस्तान की एक बीघा के करीब और जमीन मंदिर के नाम कर दी.

इसी महीने बनकर तैयार हुए इस भव्य मंदिर में बीते शुक्रवार को देवी की मूर्ति की स्थापना हुई है. बताया जाता है कि मूर्ति स्थापना महोत्सव में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कोलीड़ा गांव के लोगों द्वारा पेश की गई इस मिसाल की पूरे राजस्थान में काफी चर्चा हो रही है.