सत्याग्रह ब्यूरो
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वन अरेंज्ड मर्डर: ‘जब प्यार में आप किसी को गुझिया बुलाने लगें तो ज़रा रुककर सोचना चाहिए’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, चेतन भगत की किताब ‘वन अरेंज्ड मर्डर’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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नानाजी देशमुख : संघ का ऐसा कार्यकर्ता जिसने मन से गांधी और जेपी को स्वीकारा था
संघ के सबसे सम्मानित कार्यकर्ताओं में शामिल रहे नानाजी देशमुख पर प्रभाष जोशी के आलेख ‘चित्रकूट के घाट पर’ का एक अंश
सत्याग्रह ब्यूरो
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श्रीदेवी : जिस समय उन्हें करोड़ों लोग चाहते थे उस समय वे बिलकुल अकेली और कंगाल भी थीं
श्रीदेवी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मशहूर फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा ने यह लेख अपने फेसबुक पेज पर अंग्रेजी में लिखा था
सत्याग्रह ब्यूरो
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जयललिता : हार मान लेना जिनके स्वभाव में ही नहीं था
यह कहानी बताती है कि एमजीआर के निधन के बाद जयललिता किस अपमान और संघर्ष से गुजरने के बाद एआईएडीएमके का सर्वमान्य चेहरा बन सकी थीं
सत्याग्रह ब्यूरो
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वे पांच दृश्य जो दिखाते हैं कि श्रीदेवी मासूमियत और शरारत का एक दुर्लभ मेल थीं
श्रीदेवी की फिल्मों के ये पांच कॉमेडी दृश्य उनका वह अंदाज दिखाते हैं जिसके लिए वे हमेशा याद की जाएंगी
सत्याग्रह ब्यूरो
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सरस्वती की कृपा जिन पर हुई उन्होंने प्राइमरी स्कूल में फ्रेंच, स्विमिंग और घुड़सवारी भी सीखी!
शू स्ट्रिंग बजट, टीम वर्क, मोटिवेशन, क्रिएटिव थिंकिंग जैसे जितने मैनेजमेंट के मुहावरे हैं उन सबका व्यावहारिक रूप थी 10 साल के लड़कों की सरसती पूजा
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क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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‘सामने ईसा मसीह का जीवन चरित्र चल रहा था तो मेरे मन के चक्षु भगवान राम के चित्र देख रहे थे’
दादा साहब फालके का लिखा यह आलेख 1913 में तब की मशहूर पत्रिका नवयुग में छपा था. इसमें उन्होंने अपने संघर्षों की कहानी कही है
सत्याग्रह ब्यूरो
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वेद अगर आसमान से उतर जमीन पर आया है तो ग़ालिब का दीवान जमीन से उठकर आसमान तक पहुंचा है
अपने इस लेख में प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी ने मिर्ज़ा ग़ालिब को उन महान व्यक्तित्वों की पांत में रखा है जिनका काम कभी पुराना नहीं होता
सत्याग्रह ब्यूरो
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‘संघ की आत्मनिर्भरता उसे किसी भी दूसरे सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठन से अलग बनाती है’
वेस्टलैंड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित, विजय त्रिवेदी की किताब ‘संघम शरणम गच्छामि’ का एक अंश
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समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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महात्मा गांधी की अंतिम यात्रा का दुर्लभ वीडियो
आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है
सत्याग्रह ब्यूरो
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'बापू का अस्थिकलश ले जा रही रेलगाड़ी के पूरे रास्ते में दोनों तरफ रोते हुए लोग खड़े थे'
महात्मा गांधी की अस्थियों को विभिन्न पवित्र स्थलों में प्रवाहित किया गया था. आकाशवाणी उद्घोषक मैलविल डी मैलो का संस्मरण
सत्याग्रह ब्यूरो
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गांधीजी के आखिरी दिन का आंखों देखा हाल
30 जनवरी को तड़के साढ़े तीन बजे गांधीजी के जागने से लेकर उनकी हत्या के आधे घंटे बाद तक क्या-क्या हुआ था, महात्मा गांधी के निजी सचिव वी कल्याणम के शब्दों में
सत्याग्रह ब्यूरो
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है