संजय दुबे
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
तरुण तेजपाल के मामले में आया निचली अदालत का 527 पन्नों का फैसला जो बताता है, वह हैरान भी करता है और परेशान भी
संजय दुबे
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मोदी जी का ट्विटर चलाओ, बाकी बातें भूल जाओ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट करने जितनी ही आसानी से महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिलवा सकते हैं. लेकिन वे ऐसा करते क्यों नहीं?
संजय दुबे
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धारा 370 हटी नहीं है बल्कि उसी के इस्तेमाल से कश्मीर भारत का एक सामान्य राज्य बन गया है
मोदी सरकार ने धारा 370 से मिली शक्तियों का ही इस्तेमाल करके भारतीय संविधान को पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर पर लागू कर दिया है
संजय दुबे
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क्या नरेंद्र मोदी की यह जीत जवाहरलाल नेहरू से भी बड़ी है?
नरेंद्र मोदी से पहले सिर्फ जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को ही लगातार दो लोकसभा चुनावों में बहुमत मिला था, लेकिन आज की परिस्थितियां तब से बिलकुल अलग हैं
संजय दुबे
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'मैं अक्सर सपना देखता कि अपने स्कूल के वॉशरूम में या किसी और जगह सूसू कर रहा हूं'
बचपन से जुड़ी वे यादें जो न होतीं तो जैसे हम हैं शायद वैसे न होते
संजय दुबे
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क्यों शशिकला और जयललिता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट का निर्णय सही नहीं था
हाईकोर्ट का निर्णय केवल गलत गणना के आधार पर ही सही हो सकता था. सही गणना के हिसाब से यह आय से 8 फीसदी नहीं, 76 फीसदी अधिक संपत्ति का मामला था
संजय दुबे
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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मार्क जुकरबर्ग तकनीक और फेसबुक को उतनी गंभीरता से खुद नहीं लेते जितना हमें लेने को कहते हैं!
जो फेसबुक दुनिया को एक समुदाय बनाने का दावा करता है उसी का सीईओ अगर इसका बिलकुल उलट व्यवहार करता दिखता है तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है
संजय दुबे
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दो ट्रस्ट जो राष्ट्रीय पार्टियों को उनका 40 फीसदी से ज्यादा चंदा देते हैं
सत्या और जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने पिछले साल जितना चंदा देश की तीन पार्टियों को दिया है वह सभी राष्ट्रीय पार्टियों को मिलने वाले चंदे का 40 फीसदी है
संजय दुबे
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यह देश हर खतरे से निपट सकता है, चाहे वह असहिष्णुता ही क्यों न हो
ऐसा क्या है जिसने हमारे देश को हर तरह की आशंकाओं और नकारात्मक भविष्यवाणियों के बावजूद दुनिया के सबसे मजबूत और अनोखे लोकतंत्रों में से एक बना दिया
संजय दुबे
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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क्या यश भारती से सम्मानितों को पेंशन की घोषणा एक डरी हुई राज्य सरकार ने की है?
क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी खजाने का मुंह बड़े और बुद्धिजीवियों के लिए इसलिए खोला है ताकि वे अपना मुंह यश भारती सम्मान लौटाने के लिए खोलने से पहले दस दफा सोचें
संजय दुबे
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एनजेएसी एक्ट : जो सुप्रीम कोर्ट ने किया है वह सिर्फ आधा सही है
एनजेएसी एक्ट ईमानदार नहीं था तो कॉलेजियम सिस्टम भी दूध का धुला नहीं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की गरिमा तभी रहेगी जब वह अपने वर्चस्व की बजाय एक ईमानदार व्यवस्था को तवज्जो देगा
संजय दुबे
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हमारा परिचय
यह परिचय सत्याग्रह की पुरानी वेबसाइट पर इसकी शुरुआत के वक्त (26 जनवरी 2015 को) लिखा गया था
संजय दुबे
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है