विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
उत्तर प्रदेश में गायों की वजह से कई किसानों की आमदनी घट रही है, खर्चा और मुसीबतें बढ़ रहीं हैं और वे खेती तक छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं
अभय शर्मा
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं को लगता है कि इसमें उनकी हिस्सेदारी पूरे समाज को छुएगी और उसे थोड़ा ही सही लेकिन हमेशा के लिए बदल डालेगी
प्रदीपिका सारस्वत
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
जैसलमेर के आस-पास स्थित रेत के टीलों पर या उनके आस-पास जो हो रहा है, चलता रहा तो इन इलाकों की पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था चौपट होनी तय है
अश्वनी कबीर
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
सरकारें और कई विशेषज्ञ आढ़तियों को किसानों की परेशानियों की एक बड़ी वजह मानते रहे हैं
अश्वनी कबीर
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है
पश्चिमी उत्तर प्रदेश इन दिनों सांप्रदायिक टकराव की खबरों के लिए चर्चा में रहता है. लेकिन इसी इलाके का एक गांव मेलजोल के रास्ते एक नदी को पुनर्जीवित करने में जुटा हुआ है
राहुल कोटियाल
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राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल में जाने का मतलब ही क्या है जब वहां बड़े डॉक्टर होते ही नहीं
जयपुर का सवाई मान सिंह अस्पताल देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहां आपको सबसे बढ़िया इलाज भी मिलेगा
अश्वनी कबीर
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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इन लोक कलाकारों को बचाए बिना देश की संस्कृति को बचाने की बात भी कैसे की जा सकती है!
जो कठपुतली कला मनोरंजन से लेकर जन जागृति तक का सशक्त माध्यम रही वह महज होटलों, विदेशी सैलानियों और मेलों तक ही सिमट कर कैसे रह गई है?
अश्वनी कबीर
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क्या कश्मीरी पंडित इस बात से खुश हैं कि अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी व्यक्ति ज़मीन खरीद सकता है?
‘कश्मीर फॉर कश्मीरीज़’ का नारा सबसे पहले कश्मीरी पंडितों ने ही लगाया था. लेकिन राज्य के नये भूमि कानून के बाद अब स्थिति बिलकुल बदल गई है
सुहैल ए शाह
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क्यों अदालतों से न्याय मिलने की उम्मीद लगातार कम होती जा रही है
किसी मामले में न्यायिक प्रक्रिया के शुरू होते ही अपराधियों के पक्ष में उसे धकेलने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है
राहुल कोटियाल
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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कैसे चुनाव के आगे कोरोना जैसा वायरस भी फेल हो जाता है
कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित ज्यादातर राजनेता जिस तरह से बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, ऐसा कहना गलत नहीं लगता है
अभय शर्मा
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जिस एनएच-44 को कश्मीर के लोगों और सैनिकों का जीवन आसान करना था वह इतनी बड़ी मुसीबत कैसे बन गया?
2018 में जब कश्मीर में नेशनल हाइवे-44 तैयार हुआ था तब यहां के लोग और सुरक्षा बल दोनों बेहद खुश थे. लेकिन फरवरी 2019 के बाद से स्थिति बिलकुल बदल गई
सुहैल ए शाह
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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अपने गठन के बाद सीधे विवादों के लिए ही चर्चा में क्यों हैं?
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का रवैया कई सवाल खड़े करता है
अंजलि मिश्रा
दस्तावेज़
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घनश्याम दास बिड़ला: हिंदुस्तान की औद्योगिक क्रांति का जनक जो खुद को व्यापारी नहीं मानता था
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स्टालिन : जिसके अत्याचारों से उसका परिवार भी बच नहीं सका था
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एडविना माउंटबेटन: जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था!
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शिवाजी : वह मराठा सरदार जिसने हिंदुओं के खोए हुए आत्मसम्मान को पुनर्स्थापित किया था
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क्या महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका थी?