साहित्य
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‘नेहरू जैसे लोग जो जिम्मेदारी के काम पर हों, उनके लिए आराम भी एक कर्तव्य होना चाहिए’
साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध का छह दशक पहले लिखा गया वह आलेख जिसमें वे बताते हैं कि ‘आराम हराम है’ का नारा देने वाले नेहरू का छुट्टी पर जाना क्यों ज़रूरी था
सत्याग्रह ब्यूरो
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कुल कलंक
विश्व प्रसिद्ध इतालवी लेखक इतालो काल्विनो की कहानी 'दि ब्लैक शीप' का हिंदी अनुवाद
चंदन पांडेय
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कविताएं: ‘वैसे तो ठीक हूं मैं, पर इधर रीढ़ कुछ झुकती जा रही है’
हिंदी के स्थापित कवि अरुण देव की तीन कविताएं जिनके विषय जितने समसामयिक हैं, उतने ही शाश्वत भी
सत्याग्रह ब्यूरो
लोकप्रिय
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आसान से कुछ उपाय जो कोरोना वायरस के खिलाफ आपकी लड़ाई को कम मुश्किल बना सकते हैं
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अगर आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का शक है तो किस हालत में अपना इलाज खुद कर सकते हैं?
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मुंह से खून आना सिर्फ टीबी का लक्षण नहीं है, तो फिर इसका मतलब और क्या-क्या हो सकता है?
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जो लेखक अपने संघर्षों को बहुत गाते हैं वे उन संघर्षों की अवमानना करते हैं
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प्लेटलेट काउंट कम होने पर आपको कब और कितना डरना चाहिए?
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साहित्यकारों से नेहरू का रिश्ता उतना ही सहज था जितना नन्हे बच्चों से चाचा नेहरू का था
भारत के सबसे बड़े कई लेखकों ने जवाहरलाल नेहरू पर लिखा है और इसका एक बड़ा हिस्सा उनके खुद के अनुभवों पर आधारित है
शुभनीत कौशिक
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आज की सारी आशंकाएं कल झूठी साबित हों, बस यही कामना सबकी हो
लेखक और स्वतंत्र पत्रकार शंभू राणा की लॉकडाउन डायरी का एक अंश
शंभू राणा
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‘मैं समझ पा रही हूं कि वर्जीनिया वूल्फ को अपना पब्लिकेशन हाउस क्यों खोलना पड़ा होगा’
लेखिका और पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत की लॉकडाउन डायरी का एक अंश
प्रदीपिका सारस्वत
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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कविताएं: ‘...तो फिर मेरी धरती कौनसी है?’
पिछले दिनों अपनी कविता ‘तुम कौन हो बे?’ के लिए चर्चा बटोरने वाले कवि और लेखक पुनीत शर्मा की ये कविताएं दुनिया भर में भाईचारे की ज़रूरत पर बात करती हैं
सत्याग्रह ब्यूरो
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क्या अगला जयपुर साहित्य महोत्सव जयपुर में नहीं होगा?
जेएलएफ को राजस्थान का गौरव बताने वाले अशोक गहलोत की सरकार का रुख इस बार इस समारोह के प्रति कुछ ज्यादा ही सख्त था
पुलकित भारद्वाज
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किरपाल कज़ाक: जो पढ़ने के लिए नहीं सिर्फ पढ़ाने के लिए कॉलेज गए
हाल ही में पंजाबी लेखक प्रोफेसर किरपाल कजाक को उनके कहानी संग्रह ‘अंतहीन’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है
अमरीक सिंह
समाज और संस्कृति
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जो लेखक अपने संघर्षों को बहुत गाते हैं वे उन संघर्षों की अवमानना करते हैं
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वन अरेंज्ड मर्डर: ‘जब प्यार में आप किसी को गुझिया बुलाने लगें तो ज़रा रुककर सोचना चाहिए’
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हिन्दी साहित्य और समाज दोनों में आलोचना-वृत्ति का भयानक क्षरण हुआ है
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मौत के बाद जब आइंस्टीन का दिमाग निकालकर उसकी जांच की गई तो क्या पता चला था?
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सुपरस्टार तो दर्जनों हुए हैं, लेकिन आमिर खान जैसा एक भी नहीं!
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कविताएं: इसी दुनिया में एक और दुनिया है, जहां सरहदों और सरकारों के लिए कोई जगह नहीं है
एक सैनिक की प्रतीक्षारत प्रेमिका के हवाले से बात करती ये कविताएं लेखिका और पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत ने लिखी हैं
सत्याग्रह ब्यूरो
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मणिपुरी कविताएं: बीता समय बासी खाने-सा होता है पर परोसे जाने पर बिल्कुल ताज़ा लगता है
समय के बीतने में उसके होने को टटोलने वाली ये कविताएं पद्मश्री से सम्मानित, मशहूर थिएटर लेखक-निर्देशक रतन थियाम ने लिखी हैं
सत्याग्रह ब्यूरो
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एक पागल की डायरी
फ्रांस के महान कथाकार गाय दी मोपासां की एक मशहूर कहानी का हिंदी अनुवाद
सत्याग्रह ब्यूरो
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है