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चुंबक : थोड़ा संभलकर देखिएगा, यह लघु फिल्म नश्तर चुभाते वक्त आगाह नहीं करती
यह लघु फिल्म एक शादीशुदा जिंदगी के स्याह पहलुओं से होकर बाल शोषण तक जिन रास्तों से गुजरकर पहुंचती है, उन्हें आपने शायद ही कभी हिंदी सिनेमा में देखा हो
शुभम उपाध्याय
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जहांगीर : अकबर का वारिस, नूरजहां का शौहर और शाहजहां का बाप होना ही जिसकी क़ाबिलियत थी
ताज्जुब की बात है कि जिसकी रगों में तैमूरी, चंगेज़ी और राजपूती खून दौड़ रहा हो, जो बाबर और अकबर का वंशज हो, वह सिर्फ नाम का ‘जहांगीर’ था!
अनुराग भारद्वाज
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
ज़िंदगी पुस्तकालयों में बिता देने वाले कार्ल मार्क्स ने दुनिया भर में शायद सबसे ज्यादा लोगों को घरों से निकलकर अपनी दुनिया बदलने की प्रेरणा दी
अपूर्वानंद
क्विज
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क्विज़: आप इरफान खान के कितने बड़े फैन हैं?
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क्विज: क्या आप एसपी बालासुब्रमण्यम को चाहने वालों में से एक हैं?
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क्विज़: अदालत की अवमानना के तहत आप पर कब कार्रवाई हो सकती है?
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इस साल हज यात्रा पर रोक लगााए जाने के अलावा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?
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क्विज: भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में आप कितना जानते हैं?
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घनश्याम दास बिड़ला: हिंदुस्तान की औद्योगिक क्रांति का जनक जो खुद को व्यापारी नहीं मानता था
एक अनुमान के मुताबिक 1939 से 1969 के बीच टाटा की संपत्ति तो सिर्फ आठ गुना बढ़ी थी लेकिन, घनश्याम दास बिड़ला की संपत्ति में 94 गुना का इजाफा हुआ था
अनुराग भारद्वाज
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
एक अंग्रेज अफ़सर ने लक्ष्मीबाई के बारे में लिखा था, 'हमारी किस्मत अच्छी थी कि उसके पास उसी के जैसे आदमी नहीं थे’
पुलकित भारद्वाज
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काकोरी कांड : जिसने देश में क्रांतिकारियों के प्रति जनता का नजरिया बदल दिया था
नौ अगस्त 1925 को हुए काकोरी कांड का मुकदमा 10 महीने तक चला था जिसमें रामप्रसाद ‘बिस्मिल’, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह और अशफाक उल्लाह खां को फांसी की सजा हुई
गायत्री आर्य
समाज और संस्कृति
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
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रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
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कार्ल मार्क्स : जिनके सबसे बड़े अनुयायियों ने उनके स्वप्न को एक गैर मामूली यातना में बदल दिया
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एडविना माउंटबेटन: जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था!
कहते हैं कि जिन्ना को किसी ने सलाह दी थी कि वे नेहरू और एडविना के रिश्ते को पाकिस्तान के फायदे के लिए इस्तेमाल करें. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया
अनुराग भारद्वाज
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जिंदगी का शायद ही कोई रंग या फलसफा होगा जो शैलेंद्र के गीतों में न मिलता हो
गीतकार शैलेंद्र ने अपने कालजयी गीतों के जरिये आम आदमी की भावनाओं को जुबान दी
अभय शर्मा
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किस्से जो बताते हैं कि आम से भी भारत खास बनता है
भारत के धर्म, इतिहास और साहित्य में हर जगह फलों का राजा आम अपने अलग-अलग अंदाज में मौजूद दिखता है
गोविंद पंत राजू
विशेष रिपोर्ट
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सर्दी हो या गर्मी, उत्तर प्रदेश में किसानों की एक बड़ी संख्या अब खेतों में ही रात बिताती है
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कैसे किसान आंदोलन इसमें शामिल महिलाओं को जीवन के सबसे जरूरी पाठ भी पढ़ा रहा है
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हमारे पास एक ही रेगिस्तान है, हम उसे सहेज लें या बर्बाद कर दें
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क्या आढ़तिये उतने ही बड़े खलनायक हैं जितना उन्हें बताया जा रहा है?
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक गांव जो पानी और सांप्रदायिकता जैसी मुश्किलों का हल सुझाता है
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क्यों तरुण तेजपाल को सज़ा होना उनके साथ अन्याय होता, दूसरे पक्ष के साथ न्याय नहीं
तरुण तेजपाल के मामले में आया निचली अदालत का 527 पन्नों का फैसला जो बताता है, वह हैरान भी करता है और परेशान भी
संजय दुबे
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संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए प्रारूप समिति बनने सहित 29 अगस्त के नाम और क्या दर्ज है?
साल 1947 में आज ही के दिन संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए डॉ भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता में एक प्रारूप समिति का गठन किया था
सत्याग्रह ब्यूरो
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कांशीराम : जिन्हें समझने में अटल बिहारी वाजपेयी भी चूक गए थे
बसपा संस्थापक कांशीराम ने अपने संघर्ष से वंचितों को फ़र्श से अर्श तक पहुंचाया, लेकिन ख़ुद के लिए आरंभ से अंत तक ‘शून्य’ को प्रणाम करते रहे
दुष्यंत कुमार
दस्तावेज़
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घनश्याम दास बिड़ला: हिंदुस्तान की औद्योगिक क्रांति का जनक जो खुद को व्यापारी नहीं मानता था
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स्टालिन : जिसके अत्याचारों से उसका परिवार भी बच नहीं सका था
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एडविना माउंटबेटन: जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था!
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शिवाजी : वह मराठा सरदार जिसने हिंदुओं के खोए हुए आत्मसम्मान को पुनर्स्थापित किया था
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क्या महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका थी?