प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने अड़ंगा लगा दिया है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार रेलवे को 98,000 करोड़ रु की लागत वाली अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन मुंबई को बनाने की अनुमति नहीं दे रही है.

रेलवे की योजना के मुताबिक मुंबई के केंद्रीय व्यापारिक केंद्र बांद्रा-कुर्ला-कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में भूमिगत स्टेशन का निर्माण किया जाना है. जापानी सलाहकारों की मदद से इसकी योजना तैयार हो चुकी है. उन्होंने सभी विकल्पों का सर्वेक्षण करने और राज्य सरकार के अधिकारियों से बात करने के बाद इस स्थान का चयन किया था. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से कहा है कि इसी जगह उसकी अार्थिक केंद्र बनाने की योजना है और यहां पर स्टेशन बनाने से उसकी योजना को नुकसान होगा. स्टेशन जमीन के नीचे होगा लेकिन, यह तथ्य भी सरकार के रुख को बदल नहीं पा रहा.
मई में रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ दो बार बैठक की थी. लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से कहा है कि प्रस्तावित स्टेशन से राज्य को 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा.
रेलवे ने राज्य सरकार की आशंका को दूर करने का आश्वासन दिया है. मंत्रालय में कुछ लोग यह देखते हुए कि राज्य में पार्टी की ही सरकार है, किसी हल या समझौते के लिए मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाने की सोच रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से कहा है कि इसी जगह उसकी अार्थिक केंद्र बनाने की योजना है और स्टेशन बनाने से उसकी इस योजना को नुकसान होगा
बीकेसी की 28 हेक्टेयर जमीन में रेलवे को भूमिगत स्टेशन का रास्ता बनाने के लिए 0.9 हेक्टेयर जमीन चाहिए. लेकिन महाराष्ट्र सरकार का तर्क है कि वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और इमारतों के मौजूदा नियमों के कारण इसके बाद भी जमीन का एक बड़ा हिस्सा बीकेसी के लिए काम में नहीं लाया जा सकेगा. राज्य सरकार बीकेसी को एक बड़ी परियोजना के तौर पर पेश कर रही है. रेलवे ने महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को समझाने की कोशिश भी की कि हाईस्पीड रेलवे स्टेशन के नजदीक होने से व्यापारिक केंद्र का महत्व बढ़ जाएगा, लेकिन वे नहीं माने.
मुंबई मेट्रापॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरटी के कमिश्नर यूपीएस मदान कहना है कि बीकेसी की जमीन पर एक बार भूमिगत स्टेशन बन जाने के बाद उस जमीन पर कुछ भी बनाना संभव नहीं होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से यह भी कहा है कि राज्य में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का छोटा हिस्सा ही पड़ रहा है, जबकि खजाने को नुकसान बहुत ज्यादा हो रहा है जो तर्कसंगत नहीं है. रेलवे से अनौपचारिक रूप से ये भी कहा गया है कि वह या तो परियोजना को मुंबई से आगे भी ले जाए या अपनी जमीन का इस्तेमाल करे. बांद्रा और कुर्ला में रेलवे की खाली जमीनें हैं लेकिन, उनकी 'लोकेशन' बीकेसी जैसी अहम नहीं है.
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