निर्देशक: डी जे कारुसो
कलाकार: विन डीजल, डॉनी येन, दीपिका पादुकोण
रेटिंग : 2 / 5
‘ट्रिपल एक्स: रिटर्न ऑफ जेन्डर केज’ उस तरह की एक्शन फिल्म है जैसी हॉलीवुड के पुराने मशहूर एक्शन हीरोज तब करने को मजबूर होते रहे हैं जब उनका करियर ढलान के सबसे निचले हिस्से पर पहुंच चुका होता है. वैन डैम, ब्रूस विलिस, जैकी चेन, निकोलस केज जैसे सितारों की फिल्मोग्राफी में इस तरह की अर्थहीन फिल्मों की भरमार रही है और हमेशा ही कहानी से रार रखने वाली इन फिल्मों के पास अच्छे से एक्जीक्यूट किए चंद एक्शन दृश्यों के अलावा कुछ भी दर्शनीय नहीं रहता है.
इसीलिए ट्रिपल एक्स सीरीज की यह फिल्म आपको आश्चर्य से पीड़ित कर देती है. समझना मुश्किल हो जाता है कि ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ फ्रेंचाइजी के दम पर हर साल सबसे अमीर हॉलीवुड हीरोज की सूची में जगह बनाने वाले विन डीजल क्यूं तकनीकी रूप से कम तराशी हुई और बेहद कम स्टाइलिश इस तीसरी ट्रिपल एक्स में खुशी-खुशी खुद को दोहराने के लिए तैयार हो जाते हैं. न सिर्फ नब्बे के दशक की हॉलीवुड फिल्मों की बुरी यादें फिल्म का हरदम पीछा करती हैं बल्कि कभी-कभी तो इसे देखने का पछतावा इस कदर बढ़ जाता है कि इसके मुकाबले विन डीजल की पिछली टाइमपास फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 7’, मार्वल की ‘द अवेंजर्स’ (2012) और ‘कैप्टन अमेरिका : सिविल वार’ (2016) के स्तर की बेहद मनोरंजक फिल्म जान पड़ती है!
इस तीसरी फिल्म का विद्रोही हीरो ‘ट्रिपल एक्स’ (2002) की तरह ही एक बार फिर दुनिया को बचाने निकलता है और सरकारी सेवाओं की मदद लेने की जगह अपनी पुरानी टीम को एकजुट कर उस गैंग का पीछा करता है जिसमें दीपिका पादुकोण सबसे ज्यादा गोलियां चलाती हैं. इस गैंग के पास पेंडोरा बॉक्स नामक ऐसी डिवाइस है जो दुनिया को तबाह कर सकती है, और इसी पकड़म-पकड़ाई के खेल में दीपिका पाला बदलकर विन के साथ हो लेती हैं. फिर नायक-नायिका अपनी टीम के साथ मिलकर हॉलीवुड की सैकड़ों फिल्मों में ऑलरेडी देखे हुए एक्शन-सीन्स को आपके लिए पुन: दोहराते हैं और विन डीजल पर मंत्रमुग्ध यह फिल्म ‘आईपी मैन’ सीरीज की फिल्मों में बेहद उत्कृष्ट मार्शल आर्ट्स दिखाने वाले डॉनी येन को भी कायदे के एक-दो सीन नहीं देती. थोड़े में ज्यादा बोलें तो फिल्म ऊब में डूबा हुआ हॉलीवुड का वह पिछड़ा एक्शन-सिनेमा है जिसे सिर्फ दीपिका पादुकोण की वजह से सर-आखों पर बिठाना पड़ता है.
विन डीजल हमेशा की तरह इस फिल्म में भी धम्म-धम्म करने वाली अपनी आवाज में खोखले डायलॉग बोलते हैं, ठीक वैसे वाले जो बोलते ही चूर-चूर हो जाते हैं. कभी-कभी वे खुद पर इतने ज्यादा मोहित नजर आते हैं कि कई संवादों को बोलने के बाद आंख भी मारते हैं, ताकि दर्शकों को सनद रहे कि जो बोला गया है वह महा कूल संवाद है. लेकिन जनाब क्या दर्शक फूल है जो 3-डी में उस स्तर का साधारण एक्शन देखने को मजबूर है जिसे 2-डी में भी देखना फिजूल है?
आठ मुख्य किरदारों वाली इस फिल्म के शुरुआत में नामावली दिखाते वक्त दीपिका पादुकोण का नाम विन और डॉनी येन के बाद तीसरे नम्बर पर आता है और दिल खुश करने वाली बात है कि इसी हिसाब से फिल्म में दीपिका को स्क्रीन स्पेस भी दिया गया है. विन डीजल की किसी भी एक्शन-प्रधान फिल्म में इससे ज्यादा स्क्रीन स्पेस आज तक किसी भी हीरोइन को नसीब नहीं हुआ है और शुरुआत से ही विन डीजल का लव-इंटरेस्ट नहीं होने के बावजूद जितनी अहमियत मुख्यधारा की इस हॉलीवुड फिल्म ने हमारी देसी दीपिका को दी है, गर्व से चौड़े होने की वजह भी हम देसियों को दे दी है!
विन डीजल के साथ टैटुओं पर बात करने वाले एक दृश्य में वे खासतौर पर प्रभावित करती हैं, और आत्मविश्वास की चमक से उजली वही दीपिका पादुकोण नजर आती हैं, जिन्हें हम जानते रहे हैं. ढेर सारा तो नहीं लेकिन थोड़ा बहुत एक्शन भी उनके हिस्से में आया है और एक स्लो-मोशन दृश्य में सह-नायिका के साथ गन चलाते हुए वे किसी लारा क्राफ्ट से कम नहीं लगती हैं.
लेकिन कुछ दृश्यों में उनमें एक नर्वस अभिनेत्री की झलक भी मिलती है, जो अंग्रेजी में संवाद अदायगी करने में आ रही मुश्किलों से जूझ रही हो (अंग्रेजी के शब्द ‘असिस्ट’ का उच्चारण करते वक्त वे लड़खड़ाई थीं, क्या यह सिर्फ हमने सुना?). इंग्लिश बोलने का लहजा इस फिल्म में उन्होंने हिंदुस्तानी ही रखा है और इस पर काफी चर्चाएं हुईं कि कैसे दूसरे भारतीय कलाकारों की तरह उन्होंने झूठे अमेरिकी लहजे में बात नहीं करके प्रशंसनीय काम किया है. लेकिन फिल्म में अंग्रेजी बोलने का उऩका यही हिंदुस्तानी लहजा कई जगह फबता नहीं है.
ऐसे में आपको ‘लाइफ ऑफ पाई’ में इरफान खान द्वारा देसी लहजे में बोली गई धाराप्रवाह अंग्रेजी याद आती है और यह भी झटके से याद आता है कि भले ही मुख्यधारा की हॉलीवुड फिल्म में मुख्य नायिका के किरदार को हासिल कर लेने के लिए दीपिका की तारीफ होनी चाहिए - और फिल्म में आत्मविश्वासी स्क्रीन प्रजेंस के लिए भी - लेकिन अभिनय के मामले में अभी भी उन्हें कई मील आगे जाना बाकी है. हॉलीवुड की चलताऊ मसाला फिल्म से शुरुआत करने के बाद वहां की नायिका-प्रधान फिल्मों में भी खुद के लिए मुख्य भूमिकाएं तलाशनी हैं, और विश्व-प्रसिद्ध निर्देशकों को ढूंढ़-ढूंढ़कर उनके साथ काम करने की कोशिश हर हाल करते जाना है.
तभी उत्सव की तरह मनाए जा रहे उनके इस हॉलीवुड डेब्यू की कोई सार्थकता है.
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