दिल्ली के रामजस कॉलेज में मारपीट के खिलाफ अभियान को लेकर चर्चा में आईं गुरमेहर कौर ने खुद को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) विरोधी ‘सेव डीयू कैंपेन’ से अलग कर लिया है. मंगलवार सुबह ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘मैं इस अभियान से अलग हो रही हूं. आप सभी को बधाई. मुझे अकेला छोड़ दें. मुझे जो कहना था, कह चुकी हूं.’ अपने विरोधियों को जवाब देते हुए उन्होंने यह भी लिखा, ‘मेरी बहादुरी और साहस पर सवाल उठाने वालों को बता दूं कि मैंने जरूरत से ज्यादा बहादुरी दिखाई है. यह बात भी पक्की हो गई है कि अगली बार कोई भी मारपीट करने और धमकी देने से पहले दो बार जरूर सोचेगा.’
गुरमेहर ने अपने ट्विटर अकाउंट से एबीवीपी के विरोध में डाली गई तस्वीर भी हटा ली है. हालांकि, मंगलवार को वामपंथी छात्र संगठन आइसा द्वारा प्रस्तावित विरोध मार्च में लोगों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील करते हुए उन्होंने लिखा है कि यह अभियान उनके लिए नहीं, बल्कि छात्रों के लिए है.
I'm withdrawing from the campaign. Congratulations everyone. I request to be left alone. I said what I had to say.. (1/2)
— Gurmehar Kaur (@mehartweets) February 28, 2017
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी हैं. रामजस कॉलेज में दो छात्र संगठनों की भिड़ंत के बाद ट्विटर पर उन्होंने भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ एक पोस्टर के साथ अपनी तस्वीर डाली थी. इसमें उन्होंने लिखा था-’मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं. मैं एबीवीपी से नहीं डरती. मैं अकेली नहीं हूं. भारत का हर छात्र मेरे साथ है.’ इस पर उन्हें भारी समर्थन मिला था तो बलात्कार जैसी धमकियां भी.
इस मामले में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का बयान आने के बाद राजनीति गरमा गयी थी. रिजिजू ने कहा था कि कौन इस लड़की के दिमाग को दूषित कर रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा गुरमेहर का समर्थन करने से मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज हो गया है.
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