दिल्ली स्थित रामजस कॉलेज विवाद से जुड़ी खबरों को आज करीब सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर तस्वीरों के साथ जगह दी है. बीते हफ्ते इस कॉलेज में हुई हिंसक झड़प के विरोध में वामपंथी विचारधारा से जुड़े छात्र संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में एक विरोध मार्च का आयोजन किया. इस मार्च में छात्रों और शिक्षकों के कई संगठन शामिल हुए. इस बीच, एक सोशल मीडिया पोस्ट से चर्चा में आईं दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर मंगलवार को दिल्ली से जालंधर चली गईं. उन्होंने मंगलवार को एक ट्वीट करके एबीवीपी के खिलाफ अभियान से खुद को अलग कर लिया था. इसके अलावा एक अप्रैल, 2017 से दिल्ली मेट्रो स्मार्ट कार्ड लौटाने पर बची रकम वापस नहीं होने की खबर को भी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है.
केंद्रीय सांख्यिकी कायार्लय (सीएसओ) द्वारा मंगलवार को तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) और पूरे वर्ष के अग्रिम अनुमान से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं. यह खबर भी आज के अखबारों की प्रमुख सुर्खियों में शामिल है. सीएसओ के मुताबिक इस दौरान जीडीपी की वृद्धि दर सात फीसदी रही है. चालू वित्तीय वर्ष (2016-17) के लिए वृद्धि का अग्रिम अनुमान भी 7.1 फीसदी पर कायम है. साथ ही, पहली और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि के संशोधित आंकड़े भी जारी किए गए हैं. पहली तिमाही में वृद्धि दर बढ़कर 7.2 फीसदी जबकि दूसरी तिमाही में 7.4 फीसदी हो गई.

देश की 20 फीसदी से भी ज्यादा आबादी डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित : नेशनल हेल्थ सर्वे-4
देश की 20 फीसदी से भी ज्यादा आबादी डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकार है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में मंगलवार को जारी किए गए नेशनल हेल्थ सर्वे-4 के हवाले से यह बात कही गई है. हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों की संख्या देश कुल की आबादी का 22.2 फीसदी है. डायबिटीज के मामले में यह आंकड़ा 20.3 फीसदी है. यह सर्वे देश के 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया. सरकार द्वारा आठ लाख से अधिक लोगों के बीच कराए गए इस सर्वे में पहली बार इन दोनों बीमारियों के बारे में आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं.
सर्वे के मुताबिक गोवा में सबसे अधिक करीब (38 फीसदी) लोगों को डायबिटीज है. इसके बाद असम में 35 और पश्चिम बंगाल में 28 फीसदी लोगों में यह बीमारी पाई गई है. उधर, हाइपरटेंशन के मामले में सिक्किम सभी राज्यों में अव्वल है. यहां 45 फीसदी लोग इससे जूझ रहे हैं. इसके बाद पंजाब (35 फीसदी) और महाराष्ट्र (26 फीसदी) का नंबर है.
विजय माल्या की 4,200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त करने के आदेश को अदालत की मंजूरी
पूर्व राज्यसभा सांसद और कारोबारी विजय माल्या की 4,200 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश को एक विशेष अदालत ने अनुमति दे दी है. जनसत्ता में प्रकाशित खबर के मुताबिक सितंबर, 2016 में जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत इस मामले में आदेश दिया था. ईडी के मुताबिक माल्या की जिन संपत्तियों को जब्त किया जाना है उनका बाजार मूल्य करीब 6,630 करोड़ रुपये है.
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि ये संपत्तियां आपराधिक गतिविधियों के जरिए बनाई गई हैं. जांच एजेंसी का मानना है कि माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रूअरीज होल्डिंग्स के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की और बैंकों के साथ गठजोड़ के जरिये कर्ज हासिल किया. बताया जाता है कि ईडी द्वारा जारी कुर्की आदेश का उद्देश्य माल्या को गलत तरीके से जुटाई गई इस संपत्ति का लाभ लेने से रोकना है.
एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ
पिछले एक दशक से लंबित वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के इस साल एक जुलाई से लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. हिन्दुस्तान में छपी एक खबर के मुताबिक आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि इसे लागू किए जाने पर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति बन गई है. उनके मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद देश में प्रतिस्पर्धा, निवेश और नौकरियों में बढ़ोतरी होगी.
अखबार के मुताबिक इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी राज्यों के साथ सहमति बनने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि बजट सत्र के दूसरे चरण में जीएसटी विधेयकों को अंतिम रूप देकर संसद में पेश किया जाएगा. जीएसटी की दरें पांच से लेकर 28 फीसदी तक तय हुई हैं. साथ ही, महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल 50 फीसदी से ज्यादा वस्तुओं को शून्य दर की श्रेणी में रखा गया है.
झारखंड : लातेहार और पलामू में मुस्लिम समुदाय के 800 परिवारों ने दहेज की रकम वापस की
झारखंड का लातेहार और पलामू क्षेत्र सामाजिक बदलाव की एक मौन क्रांति का गवाह बन रहा है. हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक विशेष खबर के मुताबिक इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों परिवारों ने दहेज में मिली रकम को वापस कर दिया है. पिछले साल करीब 800 लोगों ने ऐसा कर एक मिसाल कायम की. अभी तक इस तरह दुल्हन के परिवार वालों को करीब छह करोड़ रुपये वापस किए जा चुके हैं. साथ ही, इलाके में मौलवियों ने दहेज वाले निकाह को करवाने से इनकार करना शुरू कर दिया है.
अखबार के मुताबिक अप्रैल, 2016 में हाजी मुमताज अली ने लातेहार में यह पहल की थी. अब यह दहेज विरोधी अभियान का रूप ले चुकी है. अली का मानना है कि दहेज गरीब परिवारों के लिए कैंसर से कम नहीं. उन्होंने कहा कि पहले मुस्लिम समुदाय में दहेज का प्रचलन नहीं था लेकिन, बाद में यह शुरु हो गया.
आज का कार्टून
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर की सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू द्वारा दिए गए बयान पर द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित आज का कार्टून :

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