बाहुबली-द बिगनिंग, कई मायनों में साल 2015 की सबसे बड़ी फिल्म थी. 120 करोड़ रुपये की लागत से बनी फिल्म जिसने करीब इसकी छः गुना कमाई की. हॉलीवुड को टक्कर देने वाली तकनीक और भंसाली की फिल्मों को लजाने वाली भव्यता फिल्म की खासियतें थीं. बाहुबली के बारे में टिप्पणी करते हुए एक फिल्म लेखक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा – ‘बाहुबली वह फिल्म है जिसने हमें हॉलीवुड की आंखों में आंखें डालकर देखने की हिम्मत दी, बॉलीवुड का हिस्सा होते हुए अब मैं हॉलीवुड की फिल्में एक दास की तरह नहीं एक दोस्त की तरह देखूंगा.’
इतनी महत्वपूर्ण फिल्म, इतनी विशेषताओं के साथ लोगों को हफ्तों तक चर्चा करने के लिए मजबूर कर सकती है. लेकिन सिनेमाहॉल से निकलने वाला दर्शक इन सबसे हटकर किसी और ही बात पर भौचक्का था - आखिर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? फिल्म को रिलीज हुए डेढ़ साल से ज्यादा हो गया लेकिन अब तक हर कोई यही सवाल करता नजर आ रहा है. बाहुबली का दूसरा और अंतिम भाग बाहुबली- द कनक्लूजन इस सवाल का जवाब देने के लिए 28 अप्रैल को सिनेमाघरों में होगा. लेकिन इससे पहले सोशल मीडिया पर जो हुआ वह अभूतपूर्व था.

सोशल मीडिया पर हर समय सक्रिय रहने वाली मसखरों की जमात ने हर ट्रेंडिंग टॉपिक से इसे जोड़कर देखा. शीना वोरा के पतियों की संख्या से लेकर सोनम गुप्ता की बेवफाई तक को घुमा-फिराकर बाहुबली को मारने की वजह बताया गया. जाट और ओबीसी आरक्षण की चर्चाओं के दौरान एक टिप्पणी में कहा गया कि कटप्पा नीची जाति का था, जैसा कि उसने फिल्म के दौरान कई बार कहा, और बाहुबली उसे आरक्षण नहीं दे रहा था इसलिए कटप्पा ने बाहुबली को मारा. इसी तरह सैनिकों के वन रैंक वन पेंशन आंदोलन के दौरान भी बाहुबली पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए इसे उसके मरने की वजह बताया गया. कुछ लोगों ने तो इसे सोशल मीडिया पर खेले जाने वाले वीडियो गेम्स से भी जोड़कर देखा. कहा गया कटप्पा ने बाहुबली को इसलिए मारा क्योंकि वह रोज कटप्पा को फेसबुक पर कैंडीक्रश खेलने की रिक्वेस्ट भेजता था.
लोगों तक कटप्पा-बाहुबली से जुड़े सिर्फ चुटकुले और जुमले पहुंच रहे हों, ऐसा नहीं था. कुछ गंभीर और तार्किक विश्लेषणों के जरिए भी कटप्पा के बाहुबली के साथ विश्वासघात की वजह पता लगाई जाती रही. ऐसी ही एक कहानी के अनुसार बाहुबली का विवाह राजकुमारी देवसेना से हुआ था जिसे भल्लालदेव भी पसंद करता था. देवसेना को पाने के लिए भल्लालदेव ने पहले तो माहिष्मती राज्य पर छल से कब्जा कर लिया. उसके बाद पड़ोसी राज्य के साथ मिलकर अपने ही राज्य पर हमला करवा दिया. युद्ध के दौरान बाहुबली को जब इस बात का पता चला और उसने अपने सैनिकों को बेवजह मरते देखा तो वह भल्लालदेव के खिलाफ खड़ा हो गया. अब क्योंकि बाहुबली से पहले कटप्पा माहिष्मती का वफादार था इसलिए उसने बाहुबली को मार दिया.
फिल्म के अंतिम दृश्य में कटप्पा बाहुबली पर पीछे से वार करता है. इस पर लोगों ने अपनी राय देते हुए कहा कि कटप्पा बहादुर था वह कभी पीछे से वार नहीं करेगा. इसलिए हो सकता है कटप्पा ने बाहुबली को गलती से मार दिया हो.
एक ऩ्यूज चैनल के इंटरव्यू में जब बाहुबली के निर्देशक एसएस राजमौली से पूछा गया कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो उन्होने चौंकाने वाला जवाब दिया. उनका कहना था - ‘कटप्पा सिंहासन और शिवगामी के अलावा एक और व्यक्ति का वफादार था. अगर आप यह अंदाजा लगा लें तो आप जान सकते हैं.’ राजमौली के ऐसा कहते ही कुछ सेकंड के लिए वहां मौजूद लोगों में सन्नाटा छा गया. इसे राजमौली ने यह कहते हुए तोड़ा - ‘यह मैं हूं. फिल्म का निर्देशक. स्वाभाविक है कटप्पा ने मेरे ही कहने पर ही बाहुबली को मारा.’
बाहुबली के निर्माताओं में से एक करण जौहर से भी एक टॉकशो के दौरान यह पूछा गया कि उन्हें तो पता होना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ? इस पर करण जौहर का कहना था कि उन्होंने जब राजमौली से यह सवाल किया था तो उन्हें जवाब की जगह बस एक मीठी सी स्माइल ही मिली. जौहर के इस जवाब का मतलब है कि यह राज भली तरह से छिपाया गया है और फिल्म से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के लिए भी यह आधुनिक भारत का एक रहस्य ही बना हुआ है.
पिछले दिनों बाहुबली-2 के सेट से आ रही अफवाहों और लीक हुए फोटो-वीडियो की भरमार रही. ऐसी ही एक जमकर फैली अफवाह के अनुसार फिल्म में बाहुबली को मारने की चार वजहें बताई गई हैं और चार अलग-अलग क्लाइमैक्स शूट किए गए हैं. एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक राजमौली ने क्लाइमैक्स लीक हो जाने के डर से ऐसा किया है. उधर लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद ने रहस्य को बढ़ाने के लिए यह तक कह दिया कि हो सकता है कि कटप्पा ने बाहुबली को मारा ही न हो.
फिलहाल पूरे विश्वास के साथ केवल यह कहा जा सकता है कि आज तक लेखक और निर्देशक के अलावा इस फिल्म के नायक अभिनेता प्रभाष ही उन गिने-चुने लोगों में हैं जो जानते हैं कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, या फिर मारा भी या नहीं!
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