गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए हामी भर दी है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जीजेएम ने पश्चिम बंगाल सरकार से आधिकारिक निमंत्रण मिलने के बाद 29 अगस्त की बैठक में शामिल होने का फैसला किया है. जीजेएम के वरिष्ठ नेता और विधायक अमर सिंह राय ने कहा, ‘जीजेएम के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल इसमें शामिल होगा. हालांकि, अभी उनके नामों पर फैसला नहीं किया गया है.’

इससे पहले गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर दार्जिलिंग में शांति बहाल करने के लिए बातचीत करने का अनुरोध किया था. इसका जवाब देते हुए राज्य सरकार ने इस बैठक को बुलाने का फैसला किया है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जीजेएम सहित सभी दलों को इसमें शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. जीजेएम ने आधिकारिक निमंत्रण मिलने पर ही इसमें शामिल होने की शर्त रखी थी.

पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र को अलग करके गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग को लेकर जीजेएम ने दार्जिलिंग में हड़ताल बुलाई थी जो बीते 70 से भी ज्यादा दिनों से जारी है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में जीजेएम के नेता बिनय तमांग ने कहा था, ‘अलग गोरखालैंड राज्य गठित करने के अलावा हमारी दुर्दशा के साथ न्याय करने का कोई दूसरा तरीका नहीं है.’ इससे पहले जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अलग राज्य की मांग पर राजनीतिक बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया था.