चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश की कल हत्या कर दी गई. कुछ हमलावर उनके बेंगलुरू स्थित घर में पहुंचे और उन्हें गोली मार दी. इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है. देशभर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे हैं.

दूसरी ओर, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस हत्या को सही ठहराने से भी नहीं कतरा रहे. हैरानी की बात यह भी है कि इस हत्या को बेशर्मी से जायज़ बताने वालों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ट्विटर पर फॉलो करते हैं. निखिल दधीच नाम के ऐसे ही एक ट्विटर अकाउंट से इस हत्या के बारे में लिखा गया है, ‘एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे हैं.’

यह कोई पहली बार नहीं है जब उन लोगों ने बेहद आपत्तिजनक ट्वीट किये हों जिनका अनुसरण खुद प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर करते हैं. सत्याग्रह ने बीते साल मार्च में इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट की थी. इस रिपोर्ट में ऐसे दर्जनों लोगों का जिक्र है जो खुलकर सार्वजनिक मंचों पर महिलाओं को भद्दी गलियां देते हैं और सांप्रदायिक द्वेष फैलाते हैं. इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के किसी भी नेता को ट्विटर पर फॉलो नहीं करते थे. रिपोर्ट प्रकाशित होने के कुछ दिनों बाद उन्होंने विपक्ष के दर्जनों नेताओं को तो फॉलो करना शुरू कर दिया था लेकिन ऐसे लोगों को फॉलो करना उन्होंने कभी नहीं छोड़ा जो ट्विटर पर आपत्तिजनक बातें लिखते रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया की सबसे चर्चित हस्तियों में शामिल हैं. उन्हें तीन करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के करोड़ों मुरीद होने की जानकारी किसी से छिपी नहीं है. लेकिन फिलहाल दुनिया भर के मात्र 1779 लोगों को ही यह सौभाग्य मिला है कि भारत के सबसे चर्चित प्रधानमंत्री उन्हें ट्विटर पर फॉलो कर रहे हैं. इनमें कई देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधियों के साथ ही देश-विदेश की अन्य कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं. कई मंत्रालयों, विभागों, न्यूज़ एजेंसियों के आधिकारिक अकाउंट और खेल जगत से लेकर बॉलीवुड हस्तियां तक उस सूची में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री फॉलो कर रहे हैं.

लेकिन इन तमाम बड़ी और चर्चित हस्तियों से इतर प्रधानमंत्री मोदी कुछ ऐसे लोगों को भी फॉलो करते दिखते हैं जिनकी बातें हैरान करती हैं. जो अपने साथ प्रधानमंत्री की गरिमा गिराते भी लगते हैं. लेख की शुरुआत में जिन निखिल दधीच का जिक्र हुआ वे ऐसे ही लोगों में से एक हैं.

रीता नाम की महिला भी ऐसे लोगों में शामिल हैं. ये खुद को आल इंडिया रेडियो की पूर्व प्रेजेंटर बताती हैं. गौरी लंकेश की हत्या के बाद इन्होंने भी कई ट्वीट किए. एक ट्वीट में इनका कहना था, ‘जो गौरी लंकेश को नहीं जानते उनके लिए एक संक्षिप्त परिचय – वामपंथी, नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाली, व्यवस्था विरोधी, हिंदू विरोधी.’

इसी तरह ऑक्सोमिया जियोरी भी हैं जिन्हें प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. इन्होंने गौरी लंकेश के साथ जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की एक फोटो पोस्ट की है. इसके साथ किए गए ट्वीट में उनका कहना था, ‘भगवान के पास भारत तेरे टुकड़े होंगे ग्रुप के लिए एक अलग योजना थी. देशविरोधी हमेशा आतंकियों के करीब रहते हैं. जांच की जरूरत है.’

खुद को राजनीतिक रणनीतिकार और कार्टूनिस्ट बताने वाले आशीष मिश्रा को भी प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. गौरी लंकेश की हत्या के बाद इनका ट्वीट था, ‘जैसी करनी, वैसी भरनी’. एक दूसरे ट्वीट में उनका कहना था, ‘बुरहान वानी के बाद अब गौरी लंकेश भी मारी गई. कितने दुख की बात है.’