कई तरह की तकनीकों के बाद अब मोबाइल कंपनियां मच्छरों से निपटने के लिए भी आगे आ गई हैं. इस मामले में पहला कदम दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने उठाया है. एलजी ने भारत में अपना एक नया स्मार्टफोन के7आई लॉन्च किया है, कम्पनी का दावा है कि उसका यह स्मार्टफोन मच्छर भगाने की क्षमता रखता है.
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी अमित गुजराल ने बताया है कि इस स्मार्टफोन में ‘मॉसकिटो अवे’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इसके तहत इसके पिछले हिस्से पर एक स्पीकर लगाया गया है, जो ‘अल्ट्रासॉनिक फ्रीक्वेंसी’ पैदा करता है जिससे परेशान होकर मच्छर भाग जाते हैं. दक्षिण कोरियाई कंपनी का यह भी कहना है कि उसने इस फोन के कई परीक्षण किये हैं जिनसे पता चला है कि यह औसतन 72 प्रतिशत तक मच्छरों को भगाने में कामयाब रहा है.
LG K7i with ‘Mosquito Away’ launched in India https://t.co/OUftES9JHq pic.twitter.com/ier2KHujIu
— TechGenYZ (@TechGenYZ) September 28, 2017
हालांकि, दुनियाभर के कई जानकार इस तरह के दावों पर विश्वास न करने की सलाह देते रहे हैं. इनके अलावा अमेरिका की ‘अमेरिकन मॉस्किटो कंट्रोल एसोसिएशन’ इस तकनीक को लेकर कई बार कह चुकी है कि लोग ‘अल्ट्रासॉनिक फ्रीक्वेंसी’ के झांसे में न आएं क्योंकि यह मच्छर भगाने में कारगर नहीं है. संस्था ने पिछले 15 वर्षों में अल्ट्रासॉनिक फ्रीक्वेंसी’ पर कम से कम 10 शोध किये हैं और इसके बाद ही वह किसी नतीजे पर पहुंची है.
हालांकि, इस 4जी फोन की अन्य खासियतों को देखें तो 7,990 रुपये में 2 जीबी रैम और 16जीबी इंटरनल स्टोरेज दिया गया है. साथ ही इसमें 8 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा भी मौजूद है. इन खासियतों को देखते हुए माना जा रहा है कि अगर यह फोन मच्छर नहीं भी भगाता है तो भी यह यूजर के लिए घाटे का सौदा साबित नहीं होगा.
अब स्मार्टफोन से भी एचआईवी का पता लगेगा
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एचआईवी संक्रमण का पता लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता पाई है. इन वैज्ञानिकों ने स्मार्टफोन पर आधारित एक ऐसी अनोखी तकनीक विकसित की है जिससे मात्र 10 सेकेंड में ही एचआईवी संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है. इस तकनीक को विकसित करने के लिए ब्रिटेन के सर्रे विश्वविद्यालय में लंबे अरसे से एक शोध चल रहा था. इसमें ब्रिटेन के अलावा नीदरलैंड, जापान और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक शामिल थे.
इस शोध में शामिल सर्रे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विंस एमेरी ने जानकारी दी है, ‘इस तकनीक के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने खून की केवल एक बूंद से ही एचआईवी का पता लगा सकेगा. एचआईवी के अलावा इस पद्धति के जरिए जीका या इबोला वायरस की पहचान भी की जा सकती है.’ शोधकर्ताओं के मुताबिक इस टेस्ट में सर्फेस एकॉस्टिक वेव (एचएडब्लू) बायोचिप्स का इस्तेमाल किया जाता है. ये स्मार्टफोन में पाए जाने वाले माइक्रोइलेक्ट्रोनिक कंपोनेंट से विकसित की जा सकती हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो यह नई खोज खासकर एचआईवी के इलाज में काफी अहम मोड़ साबित हो सकती है. वर्तमान में इस संक्रमण की पहचान के लिए कई तरह की जटिल प्रक्रियों से गुजरना होता है जिनमें अधिक समय लगता है और फिर उस हिसाब से इलाज भी देर से शुरू होता है.
क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को रसायन का नोबेल
साल 2017 के लिए रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार बुधवार को रसायन के नोबेल पुरस्कार की चयन समिति ने क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के अविष्कारकर्ता वैज्ञानिकों जाक डुबोशे, योआखिम फ्रैंक और रिचर्ड हेंडरसन के नामों की घोषणा की. इन वैज्ञानिकों की खोज के चलते जीवन की जटिल रचनाओं की ज्यादा विस्तृत तस्वीरें हासिल कर पाना संभव हुआ है. इस पुरस्कार के तहत इन तीनों वैज्ञानिकों को लगभग 11 लाख डॉलर दिए जाएंगे.
BREAKING NEWS The 2017 #NobelPrize in Chemistry is awarded to Jacques Dubochet, Joachim Frank & Richard Henderson. pic.twitter.com/RUZSnArJHO
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 4, 2017
नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इन वैज्ञानिकों द्वारा क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी की खोज को जैव-रसायन (बायोकेमिस्ट्री) क्षेत्र में नए युग की शुरुआत बताया है. उसके मुताबिक इससे शोधकर्ता न केवल किसी जैवकण (बायोमॉलीक्यूल) को उसकी आवाजाही के दौरान रोक सकते हैं, बल्कि उसकी पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं जो पहले असंभव था. स्वीडिश एकेडमी ने इसे जीवन संबंधी रसायन शास्त्र की बुनियादी समझ बढ़ाने और आने वाले समय में दवाओं के विकास में निर्णायक खोज बताया है.
अब चीन में भी बैटरी फूलने के कारण आईफोन 8 खुलने का मामला सामने आया
आईफोन 8 के जरिए चीन में अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की कोशिश में लगी मोबाइल निर्माता कंपनी ऐपल को बड़ा झटका लगा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी द पेपर डॉट सीएन ने बताया है कि ताइवान और जापान के बाद अब चीन में भी आईफोन 8 की बैटरी फूलने का मामला सामने आया है.
अखबार के मुताबिक यह घटना चीन के गुआंगझू शहर की है. यहां रहने वाले लिऊ ने एक ऑनलाइन रीटेलर से आईफोन 8 प्लस खरीदा था. लिऊ का कहना है कि जब यह फोन पांच अक्टूबर को उनके पास पहुंचा तो यह डैमेज था. द पेपर ने लियू द्वारा ली गई तस्वीरों को भी अपनी वेबसाइट पर दिखाया है जिसमें आईफोन 8 प्लस, स्क्रीन और उसकी बॉडी के बीच से खुला हुआ दिख रहा है. फोन के अंदर के कई पार्ट्स भी दिखाई दे रहे हैं.
Reportan baterías infladas en iPhone 8 de Apple en China - https://t.co/aLE85rmA6Y pic.twitter.com/X9jZq83a0y
— TiempoDigital (@TiempoDigitalMx) October 7, 2017
चीन में पिछले कुछ समय से ऐपल की बिक्री में बड़ी गिरावट देखी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के उत्पादों की बिक्री में होने वाली यह गिरावट पिछले तीन सालों में सबसे बड़ी गिरावट है और इस कारण ऐपल चीन में चौथे नंबर पर पहुंच गई है. ऐसे में आईफोन 8 को लेकर आई यह खबर ऐपल के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि कंपनी को उम्मीद थी कि वह अपने इस फोन के जरिए चीन में खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पा लेगी.
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