ओडिशा के कोरापुट ज़िले में बीएसएफ के चार जवानों पर एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगा है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नाबालिग़ युवती के भाई ने आरोप लगाया कि मंगलवार को (बीएसएफ़ की) वर्दी पहने चार लोगों ने युवती से गैंगरेप किया. उसका कहना है कि ये जवान माओवादियों के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे अभियान में शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक़ पीड़िता नौवीं कक्षा की छात्रा है. वह कुंडुलिहाटा इलाक़े में अपने आधार कार्ड का पंजीकरण करा के अपने गांव मुसुलीगुड़ा लौट रही थी. बताया जा रहा है कि रिक्शे से उतरने के बाद वह पैदल जा रही थी कि तभी वर्दी पहने लोगों ने उसे रोक लिया. पीड़िता के भाई का आरोप है कि चार बीएसएफ़ जवान लड़की को जंगल में ले गए और वहां उसका मुंह बंद कर उसका यौन शोषण किया. उसने यह भी बताया कि उसकी एक रिश्तेदार ने लड़की को बचाया और कोरापुट के ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया. मामला दर्ज कर चुकी पुलिस के मुताबिक लड़की की हालत नाज़ुक है. पुलिस ने आरोपितों के फरार होने की बात भी कही है.
हालांकि बीएसएफ़ के डीआईजी जेसी नायक ने घटना में जवानों की भूमिका से इनकार किया है. नायक ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि बीएसएफ़ की कंपनी घटनास्थल से क़रीब 35 किलोमीटर दूर है और बीएसएफ़ इस इलाक़े में सक्रिय नहीं है. उधर, घटना सामने आने के बाद ग़ुस्साए स्थानीय लोगों ने सड़कों पर जाम लगा दिया. मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस विधायक कृष्ण चंद्र सागरिया के साथ पार्टी के कार्यकर्ता कोरापुट के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं.
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