एक आम धारणा है कि फल और सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं. लेकिन, इसकी सही मात्रा को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी हैं. हाल ही में भारत समेत 18 देशों में किए गए एक अध्ययन से यह स्पष्ट हो गया है कि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन एक इंसान को कितनी फल और सब्जियां खानी चाहिए. लैन्सेट शोध पत्रिका में प्रकाशित हुए इस अध्ययन के नतीजों के मुताबिक अगर एक इंसान प्रतिदिन 375 से 500 ग्राम तक फल, सब्जियों और दालों का सेवन करता है तो उसकी मौत का खतरा 23 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
शोध कैसे हुआ?
इंडिया साइंस वायर के मुताबिक करीब एक दशक तक चले इस अध्ययन में 18 देशों के 35 से 70 वर्ष की उम्र के 135,335 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था. अध्ययन में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं थी. इन लोगों की जीवन शैली, खानपान, धूम्रपान की आदतों, शराब के सेवन और शारीरिक गतिविधियों को अध्ययन में शामिल किया गया था. इसके अलावा इनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति जैसे- शिक्षा, रोजगार और आमदनी से जुड़े आंकड़े भी इकट्ठे किए गए थे.
अध्ययन के आखिर में मृतकों की संख्या, हृदय संबंधी बीमारियों के मामले, हार्टअटैक और स्ट्रोक के मामलों को दर्ज किया गया. इसके बाद यह जानने की कोशिश की गई कि अधिक मात्रा में फलों, सब्जियों और दालों का उपयोग सेहत को किस तरह से प्रभावित करता है. इस शोध के बारे में ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि इसमें आलू समेत अन्य कंदों और फ्रूट जूस को फल नहीं माना गया है. हालांकि, बीन्स, ब्लैक बीन्स, मसूर, मटर, चना और लोबिया जैसी फलियों को अध्ययन में शामिल किया गया था.
इस शोध का महत्व
इस शोध से जुड़े विशेषज्ञ इसे निम्न आय वर्ग के उन देशों के लिए बहुत उपयोगी मानते हैं, जहां लोग फल और सब्जियों का खर्च वहन नहीं कर पाते. इस अध्ययन के नतीजे इसलिए भी ख़ास हैं कि ये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय की गई फल और सब्जियों की मात्रा की लगभग आधी मात्रा जरूरी बताते हैं. डब्ल्यूएचओ के अध्ययन के मुताबिक प्रतिदिन 800 ग्राम फल अथवा सब्जियों का सेवन करके बीमारियों से बचा जा सकता है.
फल और सब्जियां किस तरह से शरीर को फायदा पहुंचाती हैं?
इस अध्ययन का हिस्सा रहे चेन्नई के मोहन्स डायबिटीज स्पेशलिस्ट सेंटर के डॉ वी. मोहन बताते हैं कि फल- सब्जियों में मौजूद विटामिन-सी, विटामिन-ई और कैरोटेनॉयड्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. वे कहते हैं, ‘ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने, इंसुलिन रिस्पांस में सुधार, रक्तचाप में कमी, रक्तवाहिकाओं में वसा के जमाव को कम करने और कोशिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.’
अमेरिका के ‘हारवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ से जुड़ीं प्रोफेसर एस्टेफैनिया टॉलेडो एक और बात भी बताती हैं. वे कहती हैं, ‘फल-सब्जियों का अधिक उपभोग तभी फायदेमंद हो सकता है, जब मीठे पेय, लाल और प्रोसेस्ड मीट या अनाज और ज्यादा मीठी मिठाई का कम सेवन किया जाए.’ एस्टेफैनिया लोगों को पादप आधारित खाद्य पदार्थों यानी शाकाहार को तरजीह देने की सलाह भी देती हैं.
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