केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने फिल्म ‘पद्मावती’ को प्रमाणपत्र मिलने से पहले कुछ मीडिया घरानों को दिखाने पर निर्देशक संजय लीला भंसाली और निर्माताओं की आलोचना की है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, ‘यह निराशाजनक है कि पद्मावती को सेंसर बोर्ड की मंजूरी या प्रमाणपत्र मिले बगैर राष्ट्रीय चैनलों को दिखाया जा रहा है और उसकी समीक्षा करवाई जा रही है. यह उस व्यवस्था और संतुलन को कमजोर करने वाला है जो फिल्म उद्योग का हिस्सा है.’ प्रसून जोशी ने आगे कहा, ‘लोगों की सुविधा के अनुसार प्रमाणन प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया जा सकता है. एक तरफ सेंसर बोर्ड पर जल्दी प्रमाणपत्र देने का दबाव बनाया जा रहा है, दूसरी तरफ जरूरी प्रक्रिया को ही दरकिनार करने की कोशिश हो रही है. यह बहुत गलत परंपरा है.’
शुक्रवार को सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावती’के प्रमाणन संबंधी आवेदन को अधूरा बताते हुए लौटा दिया था. इस पर शनिवार को प्रसून जोशी ने कहा, ‘आवेदन में इस स्पष्टीकरण की जगह को खाली छोड़ दिया गया था कि यह फिल्म फिक्शन पर आधारित है या ऐतिहासिक तथ्यों पर.’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसके बाद जब प्रमुख कागजात मांगे जा रहे हैं तो सेंसर बोर्ड को निशाना बनाया जा रहा है. यह चौंकाने वाला है.’ प्रसून जोशी का यह बयान वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत अंधारे के एक ट्वीट की पृष्ठभूमि में आया. इसमें उन्होंने लिखा था, ‘क्या विडंबना है, जो फिल्म देखने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, वे दूसरा रास्ता अपना रहे हैं और हमें फिल्म को मंजूरी दिलाने के लिए दूसरे मंचों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है.’
इस बीच फिल्म ‘पद्मावती’ को देखने वाले पत्रकारों अर्णब गोस्वामी और रजत शर्मा ने इसका बचाव किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. शुक्रवार को अपने ‘आज की बात’ कार्यक्रम में रजत शर्मा ने कहा, ‘पूरी फिल्म देखने के बाद मैं पुख्ता तरीके से कह सकता हूं कि इसमें एक भी संवाद, दृश्य या घटनाक्रम ऐसा नहीं है जिसे राजस्थान के राजपूतों के इतिहास के खिलाफ कहा जा सके.’ वहीं, अर्णब गोस्वामी ने फिल्म ‘पद्मावती’ को ‘राजपूतों के गौरव का सबसे बड़ा सम्मान’ बताया. रिपब्लिक टीवी के प्राइम टाइम शो में उन्होंने कहा कि फिल्म सामने आने के बाद इसका विरोध करने वाले सरासर गलत साबित होंगे.
मलिक मोहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित फिल्म ‘पद्मावती’ एक दिसंबर को रिलीज होनी है. इसमें दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने अभिनय किया है. इसको लेकर सबसे पहले जनवरी में विवाद सामने आया था. करणी सेना के लोगों ने जयपुर में इसके निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ हाथापाई की थी. करणी सेना मानती है कि इस फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम प्रसंग के दृश्य हैं और इसी का वह विरोध कर रही है. लेकिन निर्देशक संजय लीला भंसाली का कहना है कि ‘पद्मावती’ में ऐसा कोई दृश्य ही नहीं है.
Disappointing that #Padmavati is being screened for media & getting reviewed on national channels without CBFC having seen or certified the Film. This compromises role of systems & balances that are part of a functioning industry: CBFC Chairman Prasoon Joshi to ANI (File Pic) pic.twitter.com/TFpSK1cN06
— ANI (@ANI) November 18, 2017
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