‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दलितों के मुद्दों पर मौनी बाबा बन जाते हैं.’
— मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का यह बयान पुणे के भीमा-कोरेगांव में दलितों पर हमले के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग करते हुए आया. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप क्यों हैं? वे दलित के मुद्दों पर हमेशा चुप्पी साध लेते हैं.’ मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, ‘इसके पीछे आरएसएस और कट्टर हिंदू संगठन हैं. वे महाराष्ट्र में मराठों और दलितों के बीच विभाजन पैदा करना चाहते हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसके लिए आरएसएस और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना की न्यायिक जांच कराने और मृतक युवक के परिजनों को 10 लाख रु देने की घोषणा की है.

‘पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मार रहा है, यह हमारी सेनाओं का अपमान है.’
— मुलायम सिंह यादव, सपा के संरक्षक
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का यह बयान आंतकी हमलों और सीमा पार होने वाली गोलीबारी में सैनिकों के मारे जाने पर चिंता जताते हुए आया. उन्होंने कहा, ‘हमारे सैनिक दुनिया में सबसे अच्छे हैं...फिर सरकार किस दुविधा में है?’ पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने आगे कहा कि रोजाना भारतीय सैनिक मारे जा रहे हैं, सरकार को बताना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट देनी चाहिए. रविवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर पर आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे.
‘गोल टोपी लगाकर खुद को सेक्युलर कहने वाले नेता अब मंदिर जाने लगे हैं.’
— कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के महासचिव
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा मंदिर जाने पर तंज करते हुए आया. उन्होंने कहा, ‘गुजरात चुनाव से पहले राहुल गांधी को किसी ने मंदिर जाते नहीं देखा था. अब वे एक नहीं, 20-20 मंदिर जा रहे हैं.’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे अब गंगा सागर जा रही हैं और संस्कृत में श्लोक भी पढ़ रही हैं. भाजपा महासचिव के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की राजनीति और नेताओं की सोच को बदल दिया है.
‘संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था ही हिंदी को इसकी भाषा नहीं बनने दे रही है.’
— सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यह बयान हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के सवाल पर आया. उन्होंने कहा, ‘इसमें दो-तिहाई देशों का समर्थन जुटाना समस्या नहीं है, लेकिन जब इसके खर्च की बात आती है तो छोटे देश हिचक जाते हैं.’ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि भारत 40 करोड़ रुपये का खर्च उठाने के लिए तैयार है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र इसके लिए तैयार नहीं होगा. इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अगर कल तमिलनाडु या पश्चिम बंगाल का कोई प्रधानमंत्री बन जाता है तो इसके जरिए संयुक्त राष्ट्र में उसे हिंदी बोलने के लिए क्यों बाध्य किया जा रहा है.
‘यरुशलम और इसके पवित्र स्थान बिक्री के लिए नहीं हैं.’
— नाबिल अबु रुदीना, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के प्रवक्ता
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के प्रवक्ता नाबिल अबु रुदीना का यह बयान इजराइल के साथ वार्ता न शुरू करने पर अमेरिका द्वारा आर्थिक मदद रोकने की धमकी पर आया. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन इजराइल से बातचीत के खिलाफ नहीं है, लेकिन असल शांति और बातचीत अरब और अंतरराष्ट्रीय वैधता पर आधारित होनी चाहिए. नाबिल अबु रुदीना ने आगे कहा कि अरब शांति की पहल स्वतंत्र फिलिस्तीन बनाने पर आधारित है, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिका को मध्य पूर्व की जरा सी भी चिंता है तो उसे सुरक्षा परिषद और महासभा के सिद्धांतों को मानना चाहिए, अगर वह ऐसा नहीं करता है तो मध्य पूर्व को रसातल में धकेल देगा.
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