20 वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण और असरदार शख़्सियतों में गिने जाने वाले व्लादिमीर लेनिन की मौत के बाद उनकी विचारधारा ने बहुत बड़ी संख्या में लोगों पर गहरा असर डाला. साल 1991 में सोवियत संघ के बिखरने तक उसका ख़ासा असर रहा. जहां एक तरफ लेनिन के समर्थक उन्हें समाजवादी मानते थे वही आलोचक उन्हें ऐसा तानाशाह बताते थे जो बड़े पैमाने पर राजनीतिक अत्याचार और हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार रहा.
हाल ही में त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के 48 घंटे बाद ही बुलडोजर की मदद से रूसी क्रांति के नायक लेनिन की प्रतिमा गिरा दी गई. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब लेनिन की प्रतिमा को गिराया गया हो. इससे पहले भी दुनिया के कई शहरों में विरोध स्वरूप लेनिन की मूर्तियां गिराई जा चुकी हैं.
1. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लेनिन से जुड़ी धरोहरों को खत्म करने का काम किया जा चुका है. साल 2013 से 2015 के बीच यहां पर लेनिन की करीब 500 प्रतिमाओं को गिरा दिया गया. यह तस्वीर साल 2013 की है जब लेनिन की एक मूर्ति को हथौड़े से मार-मारकर तोड़ दिया था. इसे गिराने वाले प्रदर्शकारी रूस के करीब होने के कारण यूक्रेन के राष्ट्रपति का विरोध कर रहे थे.

2. 1991 में बर्लिन के मेयर ने लेनिन की प्रतिमा को गिराने का आदेश दिया था. उनका मानना था कि ऐसी कोई प्रतिमा नहीं होनी चाहिए जो तानाशाही को दिखाती है.

3. सितंबर 2014 में यूक्रेन के ही खारकोव शहर में लगी लेनिन की मूर्ति को धराशायी कर दिया गया था. इस मूर्ति को गिराने की लाइव स्ट्रीमिंग हुई थी. अगस्त 2017 तक यहां से लेनिन की सभी मूर्तियों को हटा दिया गया.

4. 5 मार्च 1990 की यह तस्वीर रोमानिया की राजधानी बुकारेस्ट की है जब दो क्रेनें की मदद से वहां के स्टेट पब्लिशिंग हाउस के सामने लगी लेनिन की मूर्ति को हटाया जा रहा था.

ये कहा जाता है कि अगर आप किसी देश को समझना चाहते हैं, तो यह मत देखिए कि उसने कौन से प्रतीक बनाए हैं. यह देखिए कि उन्होंने कौन से प्रतीक मिटाए हैं. यही बात त्रिपुरा जैसे प्रदेश पर भी लागू हो सकती है जहां हाल ही में वाम दलों के स्थान पर भाजपा की सरकार को चुना गया है.
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