ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया पर उन्हें याद करने का सिलसिला जारी है. यहां पर एक तबका यह कल्पना करता भी नजर आया कि अगर प्रोफेसर हॉकिंग का जन्म भारत में हुआ होता तो उन्हें किन चुनौतियों से जूझना पड़ता और उनकी उपलब्धियां क्या होतीं. इसके अलावा कुछ लोग स्टीफन हॉकिंग की भारत यात्रा की चर्चा भी करते दिखाई दिए.
स्टीफन हॉकिंग साल 2001 में 16 दिन की भारत यात्रा पर आए थे. यह उनकी दूसरी भारत यात्रा थी. इसके पहले वे सन 1959 में भी यहां आ चुके थे. हालांकि यह उनकी दूसरी यात्रा ही थी जिसने भारत के आम लोगों को इस महान भौतिक विज्ञानी से परिचित करवाया. इस दौरान वे कई अकादेमिक संस्थानों के आयोजनों में शामिल हुए थे. हॉकिंग के शब्दों में ‘मैग्निफिसेंट’ रही इस ट्रिप की कुछ तस्वीरें :

इस यात्रा के दौरान स्टीफन हॉकिंग ने मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) में अंतरराष्ट्रीय फिजिक्स सेमिनार को भी संबोधित किया था.

दिल्ली में उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाकर तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन से मुलाकात की थी. राष्ट्रपति नारायणन से बात करते हुए हॉकिंग ने कहा था कि भारतीय गणित और भौतिकी में बहुत अच्छे होते हैं.

इस यात्रा के दौरान प्रोफेसर हॉकिंग ने अपना 59वां जन्मदिन मुंबई में मनाया था. इस मौके पर टीआईएफआर ने हॉकिंग को एक अत्याधुनिक व्हीलचेयर गिफ्ट की थी.

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