‘क्या कूल हैं हम’ शीर्षक से साल 2005 में रितेश देशमुख और तुषार कपूर की एक एडल्ट कॉमेडी फिल्म आई थी. इस फिल्म के बारे में कुछ इन शब्दों में बताया जा सकता है कि इसमें दोनों कूल नायक, हॉट कन्याओं के पीछे दिल उछालते फिरते हैं. इस बीच कुछ कॉमिक सिचुएशन्स निकलती हैं और फिल्म आपका मनोरंजन करती है. इतना बताने भर से आपको अंदाजा लग जाता है कि इस फिल्म के पुरुष किरदार स्टाइलिश और हल्के-फुल्के मिजाज वाले होंगे और महिलाएं सेक्सी और मॉडर्न.
महिलाओं के लिए हॉट और पुरुषों के लिए कूल शब्द का इस्तेमाल न सिर्फ फिल्मों में बल्कि हमारे रोजाना के बोलचाल में भी किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हॉट और कूल शब्दों को ये मायने कहां से मिले? सिर-पैर के सवाल में इस बार इसी बात की पड़ताल करते हैं कि आखिर बगैर तापमान घटाए-बढ़ाए कोई कूल या हॉट कैसे हो सकता है और महिलाओं-पुरुषों को अलग-अलग मौकों पर किस तरह से ये संबोधन दिया जाता है.

कुछ पुरुषों से जब हमने महिलाओं को हॉट कहे जाने के पीछे की वजह पूछी तो ज्यादातर ने मजेदार जवाब दिए. इनमें से एक जवाब पर तकरीबन सभी सहमत दिखे. इसके मुताबिक महिलाओं का मामला आते ही डर के मारे पुरुषों के पसीने छूट जाते हैं इसलिए महिलाओं को हॉट कहा जाता है. हंसी-मजाक में कही गई यह बात पूरी तरह से तो नहीं लेकिन कुछ हद तक सही है. कैसे? यह समझने के लिए तमाम वैचारिकता को किनारे कर सबसे पहले हमें यह मानना होगा कि किसी महिला के सामने आने पर सबसे पहले उसकी सुंदरता देखी जाती है. शारीरिक रूप से सुंदर महिलाएं, जिन्हें सेक्सी भी कहा जाता है, पुरुषों को खासतौर पर आकर्षित करती हैं. सेक्शुअल अट्रैक्शन होने की सूरत में धड़कनों का बढ़ना और पसीना आना लाजिम सी बात है. इस तरह क्योंकि महिलाओं के आते ही माहौल में गर्मी बढ़ने सा एहसास होने लगता है, इसलिए उन्हें हॉट कहा जाता है.
इससे उलट पुरुषों के सामने आने पर उन्हें सबसे पहले उनके व्यक्तित्व से आंका जाता है और इस मामले में उनकी शारीरिक सुंदरता न के बराबर भूमिका अदा करती है. यानी कि किसी पुरुष का पहनावा और बोलचाल ठीक-ठाक है तो उसे कूल कहा जाएगा. कूल व्यक्ति से मतलब है कि वह ठंडे दिमाग से, खुलकर सोचता है, किसी बात का ज्यादा तनाव नहीं लेता और परंपरागत पुरुषोचित समझा जाने वाला रूखा व्यवहार नहीं करता. इसके अलावा उसके कपड़े पहनने, बाल संवारने का तरीका ऐसा हो जिससे एक स्टाइलिश जेंटलमैन की छवि बनती हो तो उसे कूल कहा जाएगा.
कुछ जानकार इसे ग्रीक मिथॉलजी के देवताओं से भी जोड़कर देखते हैं. वीनस जहां प्रेम और सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं वहीं मार्स युद्ध और कृषि के देवता कहे जाते हैं. अब क्योंकि वीनस सूर्य के निकट है इसलिए गर्म है और मार्स सूर्य दूर होने के कारण अपेक्षाकृत ठंडा है. ग्रीक सभ्यता में वीनस को महिलाओं से और मार्स को पुरुषों से जोड़कर देखा जाता था. इसलिए जानकार इसे महिलाओं को हॉट और पुरुषों को कूल कहे जाने से भी जोड़कर देखते हैं.
हालांकि यह जरूरी नहीं कि हर बार महिलाओं को ही हॉट और पुरुषों को ही कूल कहा जाता हो. सेक्शुअली अट्रैक्टिव पुरुषों के लिए हॉट और बिंदास महिलाओं के लिए कूल शब्द का इस्तेमाल भी बेझिझक किया जाता है. आजकल के बोलचाल के हिसाब से देखें तो कूलनेस से किसी के व्यक्तित्व की और हॉटनेस से शारीरिक सुंदरता का पता चलता है.
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