बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने पिछले सप्ताह केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा था कि वह ‘दलित’ शब्द का आम इस्तेमाल बंद कराने पर विचार करे. इसके बाद अब ख़बर है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) जल्द ही इस बाबत मीडिया संस्थानों को मशविरा (एडवाइज़री) जारी कर सकती है. ऐसा होने पर ख़बरों में ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल भी बंद हो सकता है.
डेक्कन क्रॉनिकल ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस बाबत पीसीआई से बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने को कह सकता है. पीसीआई देश में प्रिंट मीडिया की नियामक संस्था है. बताया जाता है कि इसके बाद पीसीआई मीडिया संस्थानों को एक महीने के भीतर मशविरा जारी कर सकती है. इसमें कहा जा सकता है कि ख़बरों में ‘दलित’ शब्द की जगह ‘अनुसूचित जाति’ का इस्तेमाल किया जाए. ऐसे ही ‘आदिवासी’ की जगह ‘अनुसूचित जनजाति’ का उपयोग हो.
हालांकि अब तक माना जा रहा था कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय ख़ुद सीधे तौर पर इस तरह की एडवाइज़री जारी कर सकता है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि मंत्रालय चाहता है कि यह काम पीसीआई करे. ग़ौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने अपने विभागों के लिए भी इसी तरह का मशविरा जारी किया था.
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