चीन ने हाल में एक ऐसी राइफल का निर्माण किया है जिसकी खूबियां जानकर अमेरिका सहित पूरी दुनिया के होश उड़ने वाले हैं. चीनी मीडिया के मुताबिक जेडकेजेडएम-500 नाम की यह राइफल लेजर तकनीक पर काम करती है. इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें सामान्य राइफलों से अलग गोली की जगह ‘एनर्जी बीम’ निकलती है, जो किसी भी व्यक्ति के कपड़े और त्वचा को एक किमी दूर से जला सकती है. खबर के मुताबिक यह ‘एनर्जी बीम’ कांच की खिड़की को भी पार कर लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम है. इसे बनाने वालों का दावा है कि यह राइफल न तो आवाज करती है और न ही इससे निकलने वाली ‘एनर्जी बीम’ को नंगी आंखों से देखा जा सकता है.
इस राइफल को चीन के शानसी प्रांत में स्थित चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. इसे बनाने वाले एक वैज्ञानिक ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा, ‘इस राइफल से निकलने वाली ‘एनर्जी बीम’ पहले किसी आदमी के कपड़े और फिर उसे जला सकती है. यह इतनी शक्तिशाली है कि एक गैस टैंक और सैन्य हवाई अड्डे में ईंधन के भंडार में भी आग लगा सकती है.’ वे आगे कहते हैं, ‘लेजर तकनीक के जरिये हमने इसे अदृश्य बनाया है. आवाज न होने के चलते कोई नहीं जान पाएगा कि हमला कहां से हुआ और यह हमला एक दुर्घटना जैसा लगेगा.’
"China has developed a new portable laser weapon that produces an energy beam that cannot be seen by the naked eye but can pass through windows and cause the 'instant carbonisation' of human skin and tissues from nearly a kilometer away." https://t.co/c3QyH3i4Ia
— David Wallace-Wells (@dwallacewells) July 2, 2018
राइफल की अन्य खूबियों की बात करें तो 15 मिमी व्यास की नाल वाली इस राइफल का वजन तीन किलो है. राइफल में स्मार्टफोन की तरह एक रीचार्जेबल लिथियम बैटरी दी गई है. एक बार बैटरी के फुल चार्ज होने पर राइफल से एक हजार से ज्यादा बार फायर किया जा सकता है.
इसके निर्माण से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि उनका शोध कामयाब रहा है और अब बड़ी मात्रा में इस राइफल का उत्पादन किया जा सकता है. इनके मुताबिक इस राइफल की पहली खेप चीनी सेना के आतंकवाद निरोधी दल को दी जायेगी.
चीन की इस राइफल से सबसे ज्यादा चिंता अमेरिका को होने वाली है क्योंकि पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच लेजर उपकरण बनाने की होड़ सी लगी है. दोनों ही इस क्षेत्र में काफी पैसा खर्च कर रहे हैं. 2015 में चीनी सरकार ने लेजर हथियारों के रिसर्च के लिए दो अरब युआन का बड़ा बजट मंजूर किया था.
उधर, लेजर राइफल के निर्माण में लगे अमेरिका को अब तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है. 2009 में अमेरिका ने एक लेजर राइफल बनाई थी जो केवल निर्वस्त्र व्यक्ति पर ही कारगर थी यानी यह कपड़े को भेदने में सक्षम नहीं थी.
यह खबर अमेरिका के लिए एक और वजह से भी मुश्किलें पैदा करने वाली है. हाल के सालों में अमेरिका ने कई बार यह बात कही है कि हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में निगरानी के दौरान उसके सैनिकों पर चीन ने लेजर हथियारों से हमले किए हैं. पिछले महीने ही अमेरिका की ओर से कहा गया था कि जिबूती में स्थित चीन के नौसेना बेस से लेजर हथियार के जरिये उसके सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया जिससे उसके दो सैन्य पायलटों की आंखों में चोटें आयी हैं.
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