बिहार के शराबबंदी कानून में बदलाव को मंजूरी मिल गई है. बुधवार को राज्य सरकार की कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्तावित संशोधनों को पारित कर दिया. अब पहली बार किसी व्यक्ति को शराब के साथ पकड़े जाने पर 50,000 का जुर्माना लगा कर छोड़ दिया जाएगा. जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उसे तीन महीने जेल में काटने होंगे. आगामी 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. खबरों के मुताबिक सत्र के दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार बिहार निषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 में संशोधन के लिए कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को सदन में रखेगी.
Bihar government will present an amendment law on the liquor prohibition act in the upcoming monsoon session of the state assembly: Bihar Cabinet Secretary Arun Kumar Singh pic.twitter.com/KMiQsGdZNa
— ANI (@ANI) July 11, 2018
बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि नए संशोधन पुराने मामलों पर भी लागू होंगे. इनमें कई लंबित पड़े हैं तो कइयों में दोषियों को सजा हो चुकी है. ललित ने बताया, ‘अगर (पुराने मामले का) कोई व्यक्ति तीन महीने से ज्यादा समय से जेल में है तो उसे छोड़ दिया जाएगा. जिन लोगों को तीन महीने नहीं हुए हैं वे 50,000 रुपये का जुर्माना भर कर बाहर आ सकते हैं.’
किशोर ने बताया कि दूसरी बार और उसके बाद भी शराब के साथ पकड़े जाने पर मिलने वाली सजा कम की गई है. फिलहाल इस मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन, आगे यह मियाद दो से पांच साल हो जाएगी. वहीं, शराब का उत्पादन और व्यापार करने पर दी जाने वाली सजा को दो स्लैबों में रखा गया है. खबरों के मुताबिक पहली बार शराब का व्यापार करते हुए पकड़े जाने पर दो से पांच साल तक की जेल होगी. वहीं, दूसरी और उसके बाद पकड़े जाने की सूरत में कम से कम दस 10 की सजा होगी. पहले ऐसा करने वालों को सीधे 10 साल से लेकर उम्र कैद तक सजा होती थी.
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