मशहूर गीतकार आनंद बख्शी के सालों पहले लोकप्रिय हुए एक गीत के बोल हैं, ‘सात समंदर पार से, गुड़ियों के बाजार से…अच्छी सी गुड़िया लाना...पप्पा जल्दी आ जाना’ यहां बख्शी साब ने एक बच्ची की मासूम-सी इच्छा बोलों में पिरोई है और जाहिर है कि एक कवि जब बच्चे की कल्पना में कुछ बोलेगा तो सात समुंदर क्या, उसके पिता को सात आसमान भी पार करा सकता है! लेकिन हकीकत समझें तो सात तो बहुत ही बड़ी बात है, एक भी समंदर पार कर पाना किसी के बस की बात नहीं, फिर चाहे आने वाला किसी का भी पप्पा क्यों न हो!

हां, अगर कोई समुद्र पार करने की बात कहे तो वह जरूर हो सकता है. अब यहां पर अचानक ही एक सवाल जेहन में आ जाता है कि कविताओं में एक से नजर आने वाले समुद्र (सागर) और समंदर (महासागर) क्या अलग-अलग हैं. चलिए, सिर-पैर के सवाल में इस सवाल को कुछ इस तरह से पूछते हैं कि सागर और महासागर (यानी सी और ओशन) में क्या अंतर है और साथ ही इसका जवाब जानने की भी कोशिश करते हैं.

सागर महासागरों से छोटे होते हैं. इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि महासागर, सागर का एक बड़ा रूप या सागर, महासागर का एक छोटा हिस्सा होते हैं. समुद्र या सागर असल में महासागर का वह हिस्सा होता है जो आंशिक रूप से जमीन से जुड़ा होता है. कई सागरों को खुद में समाने वाले महासागर, खारे पानी का एक बहुत बड़ा जल क्षेत्र होते हैं. वैसे तो धरती पर पांच अलग-अलग महासागर बताए जाते हैं. लेकिन ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं और धरती का लगभग तीन चौथाई हिस्सा घेरे हुए हैं. इन्हीं की बदौलत धरती पर अलग-अलग मौसम और जीवन संभव हो पाता है.

इस तरह धरती का 71% हिस्सा घेरने वाले इन महासागरों में इस ग्रह पर मौजूद पानी का करीब 97% हिस्सा है. एक बार फिर से आकार पर लौटें तो सबसे बड़े महासागर, प्रशांत महासागर (पैसेफिक ओशन) का विस्तार करीब 6,41, 86,000 वर्ग मील तक फैला हुआ है जबकि सबसे बड़े सागर, भूमध्य सागर (मेडिटरेनियन सी) का क्षेत्रफल लगभग 11, 44,800 वर्ग मील है. आंकड़ों पर ही थोड़ा और गौर करें तो पता चलता है कि दुनिया का सबसे छोटा महासागर, आर्कटिक ओशन (54,27,000 वर्ग मील) भी सबसे बड़े सागर से करीब पांच गुना बड़ा है. लगे हाथ हिंद महासागर की भी बात करते चलें तो इसका विस्तार करीब 2,64,69,900 वर्ग मील तक है.

सागर और महासागर में एक बड़ा अंतर यह होता है कि महासागर, सागरों से कहीं ज्यादा गहरे होते हैं. सागर के तल की गहराई नापी जा सकती है जबकि महासागर की वास्तविक गहराई नाप पाना बहुत मुश्किल है. अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रशांत महासागर का सबसे गहरा क्षेत्र मारिआना ट्रेंच है जिसकी गहराई करीब 36,200 फीट मापी गई है, लेकिन वैज्ञानिक इसे प्रशांत महासागर की अधिकतम गहराई नहीं मानते. वहीं सबसे गहरे समुद्र, कैरेबियन सागर की गहराई करीब 22,788 फीट बताई जाती है. औसतन महासागरों की गहराई करीब 3,953 फीट से 15,215 फीट के बीच होती है.