तमिल राजनीति के दिग्गज एम करुणानिधि के अंतिम संस्कार को लेकर चल रहे विवाद में मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है. पीटीआई के मुताबिक उसने करुणानिधि को चेन्नई के मरीना बीच पर ही दफनाने की इजाजत दे दी है. विपक्षी डीएमके ने यह मांग की थी लेकिन, राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया था. उसने कहा था कि परंपरा के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्रियों का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर नहीं हो सकता. इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा था. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक करुणानिधि के अंतिम दर्शनों के लिए चेन्नई पहुंचे हैं.
#WATCH: PM Narendra Modi talks to DMK leaders MK Stalin & Kanimozhi, after paying last respects to M #Karunanidhi at #RajajiHall in Chennai. pic.twitter.com/cEiwjEdNbz
— ANI (@ANI) August 8, 2018
तमिलनाडु सरकार ने करुणानिधि को दफनाने के लिए गांधी मंडपम में जगह देने की पेशकश की थी जहां पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारक भी हैं. लेकिन डीएमके तमिलनाडु सरकार के इस प्रस्ताव पर राजी नहीं हुई थी. अब तक सिर्फ दो मुख्यमंत्रियों को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह मिली है. ये थे सीएन अन्नादुरै और एमजी रामचंद्रन. अन्नादुरै ने डीएमके की स्थापना की थी. तो एमजी रामचंद्रन एआईएडीएमके के संस्थापक हैं. 2016 में जयललिता के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार भी मरीना बीच पर ही किया गया. हालांकि पानी से 500 मीटर के दायरे में किसी निर्माण की रोक थी तो ऐसे में यह उनके गुरु रहे एमजी रामचंद्रन के मेमोरियल में ही हुआ जो पहले से ही वहां था.
एम करुणानिधि ने मंगलवार शाम चेन्नई के कावेरी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. वे 94 साल के थे और उम्र संबंधी बीमारियों और पेशाब में संक्रमण की समस्या से जूझ रहे थे. उन्होंने हाल ही में डीएमके अध्यक्ष के रूप में 49 साल पूरे किए थे. बतौर पार्टी अध्यक्ष 50वें वर्ष में प्रवेश करने वाले वे पहले राजनेता थे.
डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरै के निधन के बाद करुणानिधि 1969 में पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वे पांच बार राज्य के मुखिया रहे. दो साल पहले उन्होंने गिरती सेहत के चलते खुद को मुख्यधारा की राजनीति से अलग कर लिया था. उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में आना-जाना भी बंद कर दिया था. हालांकि बीच में वे एकाध बार पार्टी कार्यालय के कार्यक्रमों में जरूर शामिल हुए लेकिन, इसके अलावा उनका अधिकांश समय उनके घर पर ही बीतता रहा. अब पार्टी का काम उनके बेटे स्टालिन देखते हैं.
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