केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार के हलफनामे को दर्ज करने के बाद मामले को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया है. बीते जून में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी तमिलनाडु सरकार की उस अपील को खारिज कर चुके हैं जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को रिहा करने की मांग की गई थी.
Rajiv Gandhi assassination case: Supreme Court takes into record the affidavit filed by the Central government which stated that the President had rejected the proposal to release seven convicts and adjourned the matter.
— ANI (@ANI) August 10, 2018
केंद्र सरकार का कहना है कि इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अपराधियों की सजा माफ करने का विरोध किया है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह 18 अप्रैल को ही तमिलनाडु सरकार को अपने फैसले के बारे में सूचित कर चुकी है. पिछले चार सालों के दौरान तमिलनाडु सरकार 27 साल से सजा काट रहे दोषियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को दो बार पत्र लिख चुकी है.
इससे पहले साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार की अनुमति को आवश्यक बता चुका है. इसी साल जून में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि इस मामले में दोषी चार विदेशी कैदियों को रिहा करने पर देश में सजा काट रहे अन्य विदेशी कैदियों के मामले प्रभावित हो सकते हैं.
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