पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इस तरह कोई अंतिम इच्छा रही हो या नहीं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी वाजपेयी के निधन के बाद उनकी लोकप्रियता को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों की मानें तो इसकी शुरूआत बुधवार, 22 अगस्त से ही होने वाली है. पार्टी सूत्रों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने यह ख़बर दी है.

सूत्र बताते हैं कि दिल्ली के अशोक रोड स्थित भारतीय जनता पार्टी के पुराने राष्ट्रीय कार्यालय में बुधवार को एक कार्यक्रम होने वाला है. इसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सभी राज्य इकाईयों के प्रमुखों को वाजपेयी की अस्थियों और भस्म के कलश सौंपेंगे. इसके बाद सभी राज्य इकाईयां अपने-अपने राज्यों में इन कलशों के साथ यात्राएं निकालेंगी और अपने यहां की प्रमुख नदियों में वाजपेयी की अस्थियों तथा भस्म को प्रवाहित करेंगी. अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि पार्टी देश की 100 प्रमुख नदियों में वाजपेयी की अस्थियों का विसर्जन करेगी.
बताया यह भी जाता है कि सभी राज्यों के तमाम इलाकों में प्रार्थना सभाएं भी आयोजित की जाएंगी. इनमें वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी जाएगी. ये तमाम कार्यक्रम 28 अगस्त तक चलेंगे. तब तक के लिए पार्टी ने पूरे देश में अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. पार्टी के एक नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘वाजपेयी हमारे सबसे बड़े नेता थे. इसलिए उनके निधन के बाद उनकी याद में कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर होंगे.’ एक अन्य नेता के मुताबिक, ‘यह पार्टी का कर्तव्य है कि वह वाजपेयी का जीवन संदेश पूरे देश में प्रचारित-प्रसारित करे.’
वैसे ख़बर की मानें को वाजपेयी की लोकप्रियता भुनाने का सिलसिला आगे भी चलता रह सकता है. मसलन- छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि रायपुर में बन रही नई राजधानी का नाम ‘अटल नगर’ होगा. बिलासपुर यूनिवर्सिटी का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय’ किया जा रहा है. एक रेल लाइन का नाम भी ‘अटल पथ’ किया जा रहा है. महाराष्ट्र अपने सभी 13 विश्वविद्यालयों में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक अध्ययन शाखा स्थापित कर रहा है. हिमाचल प्रदेश की रोहतांग सुरंग का नामकरण वाजपेयी के नाम पर किया जा रहा है.
हिमाचल में ही राजधानी शिमला के मॉल या रिज इलाके में वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी है. मनाली में एक स्मारक बनाने की योजना भी है. सरकार की पहले से संचालित कुछ योजनाएं भी वाजपेयी के नाम पर की जा रही हैं. उत्तराखंड में ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बन रहा 750 सीटों वाला सभागार वाजपेयी के नाम पर किया जा रहा है. झारखंड में वाजपेयी की जीवन यात्रा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा हुई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य भाजपाशासित राज्यों में भी ऐसी ही तैयारियां हैं.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें
Respond to this article with a post
Share your perspective on this article with a post on ScrollStack, and send it to your followers.