वाट्सएप ने ऐसी व्यवस्था बनाने से इनकार कर दिया है जिससे किसी मैसेज का मूल स्रोत पता लगाया जा सके. वाट्सएप पर फैली अफवाहों के चलते हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी के बाद सरकार ने उससे यह मांग की थी. कंपनी ने कहा कि किसी संदेश का मूल स्रोत का पता लगाने से लोगों की निजता खतरे में पड़ सकती है. कंपनी का कहना है कि लोग वाट्सएप का प्रयोग हर प्रकार के संवेदनशील संवाद के लिए करते हैं. कंपनी के मुताबिक उसका जोर लोगों को भ्रामक जानकारी वाले संदेशों के बारे में जागरूक करने पर है.
फेसबुक के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने यह भी कहा कि व्हाट्सएप पर मैसेज के मूल स्रोत का पता लगाने वाली व्यवस्था विकसित करने से लोगों की निजी जानकारियां लीक हो सकती हैं. कंपनी ने कहा कि अगर ऐसा कुछ किया गया तो एप की ‘एंड टू एंड एन्क्रिप्शन’ फीचर कमजोर हो जाएगा और लोगों की निजता खतरे में पड़ जाएगी. एंड टू एंड एनक्रिप्शन व्हाट्सएप का एक सिक्योरिटी फीचर है. जिससे चैटिंग के दौरान कोई भी डेटा सिर्फ चैट करने वालों के बीच रहता है और इसे कोई अन्य कई नहीं पढ़ पाता.
इसी सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद वाट्सएप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स से मिले थे. इस मुलाकात के दौरान वाट्सएप पर अफवाह वाले मैसेजों को रोकने पर बातचीत हुई थी. दुनियाभर में करीब डेढ़ अरब लोग वाट्सएप का प्रयोग करते हैं. कंपनी के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है और करीब 20 करोड़ भारतीय व्हाट्सएप का प्रयोग करते हैं.
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