हाल ही में संपन्न 18वें एशियाई खेलों की गोला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले तजिंदरपाल सिंह तूर के पिता करण सिंह का सोमवार को निधन हो गया. तजिंदरपाल सिंह तूर को एक कामयाब एथलीट बनाने के लिए करण सिंह ने अपने जीवन में अनेक समझौते किए थे. करण सिंह का ही सपना था कि एशियाई खेलों से तजिंदरपाल स्वर्ण पदक के साथ घर वापसी करें. तजिंदरपाल ने तो पिता का सपना पूरा कर दिखाया पर उनकी अब तक की इस सबसे बड़ी उपलब्धि को देख पाने से पहले ही करण सिंह ने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं.
द टाइम्स आॅफ इंडिया के मुताबिक इंडोनेशिया से दिल्ली लौटकर तजिंदर पाल सिंह जल्दी से जल्दी पंजाब के मोंगा में स्थित अपने घर पहुंचना चाहते थे. पिता के बिगड़ते स्वास्थ्य का उन्हें पहले से ही अंदाजा था इसलिए उन्होंने दिल्ली से मोंगा तक का सफर सड़क के जरिये तय करने का फैसला किया. घर की दूरी तय करने में अभी चंद घंटे शेष थे कि इसी दौरान उन्हें पिता के निधन का शोक संदेश मिला. एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एएफआई) ने उनके निधन पर एक ट्वीट के जरिये शोक जाहिर करते हुए तजिंदरपाल सिंह और उनके परिवार के साथ संवेदनाएं जताई हैं.
भारतीय नौसेना को सेवाएं देने वाले करण सिंह बीते दो सालों से कैंसर से जंग लड़ रहे थे. पहले उन्हें त्वचा का कैंसर हुआ था और बाद में हड्डियों के कैंसर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. आखिरी चरण का यह कैंसर करण सिंह के मस्तिष्क तक पहुंच चुका था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक करण सिंह के इलाज का खर्च भारतीय नौसेना उठा रही थी.
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