पाकिस्तान भारतीय सिखों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा के लिए वीज़ामुक्त प्रवेश दे सकता है. इस बारे में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यह जानकारी दी है.
ख़बरों के मुताबिक फवाद चौधरी ने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार सिखों के लिए करतारपुर साहिब की यात्रा सुविधाजनक बनाने के मक़सद से एक व्यवस्था विकसित कर रही है. जल्द ही बड़ा फैसला हो सकता है. उन्होंने बताया, ‘करतारपुर साहिब आने वाले सिखों को सिर्फ एक टिकट खरीदना होगा. उसी के जरिए वे वहां मत्था टेककर आसानी से लौट सकेंगे. उन्हें वीज़ा नहीं लगेगा.’ वे बीबीसी उर्दू से बातचीत कर रहे थे.
हालांकि चौधरी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भारतीय सिखों के लिए यह व्यवस्था स्थायी है या गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके के लिए है. गुरु नानक देव की 550वीं जयंती अगले साल है. बता दें कि भारत यह मांग काफी समय से कर रहा है कि सिखों की सुविधा के लिए करतारपुर साहिब (पाकिस्तान के नारोवाल में) और डेरा बाबा नानक (भारत के गुरदासपुर में) के बीच एक गलियारा विकसित किया जाना चाहिए. इन दो जगहों की दूरी महज़ छह किलोमीटर है.
हालांकि इस बाबत पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन इसी शुक्रवार को पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ज़रूर मीडिया काे बताया था कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब तक का रास्ता खोल रहा है. पूर्व क्रिकेटर सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में ख़ास तौर पर शामिल होने के लिए इस्लामाबाद गए थे. लेकिन तभी से उनकी आलोचना हाे रही है. क्योंकि वहां वे पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के गले मिलते हुए सुर्ख़ियों में आए थे. तब भी सिद्धू ने अपनी सफाई में कहा था कि बाजवा ने उनसे करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने की बात कही थी. यह सुनकर वे भावुक हो गए और उसी आवेग में उनके गले से जा लगे.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें
Respond to this article with a post
Share your perspective on this article with a post on ScrollStack, and send it to your followers.