विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के दावे के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने अरुण जेटली को आड़े हाथों लेते हुए उनसे इस्तीफा मांगा था. कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी के नेता पीएल पुनिया ने दावा किया था कि एक मार्च को संसद की गैलरी में जेटली और माल्या के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी और तीन मार्च को विजय माल्या देश छोड़ कर भाग गया.
कांग्रेस के हमलावर होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अरुण जेटली का बचाव करते हुए कहा है कि माल्या एक भगोड़ा अपराधी है और उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता. गुरुवार शाम को अरुण जेटली के बचाव में आए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस नेता पीएल पुनिया से पूछा कि उन्हें को ये मुलाकात ढाई साल बाद क्यों याद आई? पीयूष गोयल ने कहा कि पीएल पुनिया खुद कन्फ्यूज हैं. वे कभी कहते हैं कि दोनों की बैठे-बैठे बात हुई, कभी कहते हैं चलते-चलते, सबसे पहले पुनिया जी बताएं कि उस वक्त वे वहां क्या कर रहे थे? क्या वे बातचीत में शामिल थे? पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि लगता है कि पुनिया किसी ‘दबाव’ में आकर ऐसा बयान दे रहे हैं.
Since 2010 UPA has violated all norms for Vijay Mallya & Kingfisher Airlines. This shows the propensity to which the Congress can lie to cover-up their sins: Union Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/4QQgt2d8N4
— ANI (@ANI) September 13, 2018
कांग्रेस और किंगफिशर के कथित संबंधों को लेकर भी पीयूष गोयल ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. पीयूष गोयल ने दावा किया कि विजय माल्या को मौजूदा एनडीए सरकार ने किसी तरह का लोन या फिर कोई छूट नहीं दी है और जो कुछ हुआ वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के वक्त हुआ. पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने विजय माल्या की मदद की थी. केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा, ‘2010 में यूपीए सरकार ने नियमों को तोड़कर विजय माल्या और किंगफिशर को राहत दी थी.’ इस दौरान पीयूष गोयल ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से पूछा कि यूपीए सरकार ने विजय माल्या को लोन क्यों दिया और लोन देने के लिए रिजर्व बैंक के ऊपर दबाव क्यों बनाया था? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अरुण जेटली का इस्तीफा मांगे जाने पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को खुद इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उन पर नेशनल हेराल्ड मामले में टैक्स की हेरफेर के आरोप लगे हैं.
लंदन में प्रत्यर्पण के मामले में सुनवाई को दौरान बुधवार को विजय माल्या ने कहा था कि वे भारत छोड़ने से पहले वित्तमंत्री से मिले थे. इसके बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार और अरुण जेटली पर हमलावर हो गए थे. हालांकि, अरुण जेटली अपने ऊपर लगे आरोपों को बुधवार को ही खारिज कर चुके हैं.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें