‘तुम्बाड़’ की पृष्ठभूमि में ब्रिटिशकालीन भारत के महाराष्ट्र का एक गांव है. इसका ट्रेलर आपको 1920 के वक्त में ले जाता है और पुणे के इस गांव की सैर करवाता है. ऐसा करते हुए यह एक ब्राह्मण परिवार की तीन पीढ़ियों की झलकियां दिखाता है जो अपना पुश्तैनी खजाना खोजने की कोशिश में थीं. उनके साथ क्या हुआ या क्या हो सकता है, ‘तुम्बाड़’ यही दिखाने वाली है. हालांकि अगर आपने फिल्म के बारे में अतिरिक्त जानकारी न जुटाई हो तो ट्रेलर से कहानी के बारे में यह अंदाजा हो पाना मुश्किल लगता है. फिर भी ट्रेलर जो रहस्यमयी झलकियां आपके सामने रखता है, वे फिल्म के प्रति उत्सुकता जगाने के लिए काफी लगती हैं.
‘सिमरन’ फेम सोहम शाह जो कि इस फिल्म के सह-निर्माता और नायक हैं, के अलावा फिल्म में शामिल और कोई चेहरा हिंदी दर्शकों के लिए देखा हुआ नहीं है. लेकिन ट्रेलर में जो भी किरदार आपको नजर आता है, उसके बारे में जानने की इच्छा न सिर्फ फिल्म के विषय के चलते बल्कि उसके अभिनय की झलक देखकर भी होने लगती है.
फिल्म के डरावने माहौल को अभिनय से एक अलग गहराई मिलती दिखती है. इन्हें खोजकर साथ लाने वाले ‘तुम्बाड़’ के निर्देशक राही अनिल बरवे ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में जिक्र किया था कि उनका इरादा दर्शकों को डराने का नहीं बल्कि उन्हें कुर्सी से खींचकर उस माहौल, उन किरदारों के बीच खड़ा कर देने का था. ट्रेलर देखकर यह कहने का मन करता है कि फिल्म में उनकी यह मंशा सफल होती दिख सकती है.
श्रीपद नारायण पेंडसे के मराठी उपन्यास ‘तुम्बाड़चे खोट’ पर आधारित बताई जा रही यह फिल्म परदे पर हॉरर, फिक्शन और मराठी लोककथाओं का शानदार मेल दिखा सकती है, ऐसा ट्रेलर खूब जोर लगाकर कहता है.
अगस्त के आखिरी और सितंबर के शुरूआती हफ्ते में वेनिस में आयोजित 75वें फिल्म फेस्टिवल में ‘तुम्बाड़’ का प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद से दुनियाभर में छपी समीक्षाओं में यह फिल्म जमकर सराहना बटोर रही है. भारतीय दर्शकों के लिए ‘तुम्बाड़’ 12 अक्टूबर को सिनेमाघरों का रुख करेगी.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें | सत्याग्रह एप डाउनलोड करें
Respond to this article with a post
Share your perspective on this article with a post on ScrollStack, and send it to your followers.