वाट्सएप दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्टेंट मैसेजिंग एप है. मैसेज भेजने के अलावा यह यूजर को वॉइस-वीडियो कालिंग, स्टेटस विंडो और फाइल शेयरिंग जैसे विकल्प भी देता है. फेसबुक और इन्स्टाग्राम के मुकाबले अगर ज्यादातर लोग वाट्सएप चलाना पसंद करते हैं तो इसकी बड़ी वजह वाट्सएप का ऐड फ्री होना है. लेकिन, अब वाट्सएप के स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक इसके साथ एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. इस बदलाव के तहत जल्द ही वाट्सएप पर भी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की तरह ही विज्ञापन दिखाए जाएंगे.

विज्ञापन कहां और कब से दिखाए जाएंगे?

वाट्सएप में करीब साल भर पहले स्नैपचैट की तरह स्टेटस पोस्ट करने का फीचर जोड़ा गया था. इस फीचर के जरिए यूजर्स एक या एक से ज्यादा फोटो और वीडियो अपने स्टेटस के तौर पर डाल सकते हैं.

तकनीक से जुड़ी वेबसाइट ‘वाट्सएप बीटाइंफो’ की मानें तो वाट्सएप पर कई स्टेटस के बीच में विज्ञापन दिखाए जाने की योजना है. बेवसाइट के मुताबिक इस समय कंपनी विज्ञापन की टेस्टिंग एप के ‘स्टेटस सेक्शन’ में ही कर रही है. देखा जाए तो विज्ञापन दिखाने का यह तरीका काफी हद तक इंस्टाग्राम जैसा है, जहां यूजर्स को इंस्टाग्राम स्टोरीज के बीच में विज्ञापन दिखते हैं.

हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि स्टेटस के बीच में विज्ञापनों का दिखाया जाना केवल एक शुरुआत मात्र होगा और आगे जाकर दूसरे तरीकों से भी वाट्सएप पर विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं. बीटाइंफो का कहना है कि 2019 के अंत तक वाट्सएप पर विज्ञापन आने शुरू हो जाएंगे. हालांकि, इस बारे में अब तक वाट्सएप या फेसबुक से जुड़े अधिकारियों की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

वाट्सएप संस्थापकों के फेसबुक छोड़ने की बड़ी वजह

करीब एक दशक पहले वाट्सएप का निर्माण जॉन कौम और ब्रायन एक्टन ने किया था. इसके बाद साल 2014 में इन्होंने इसे फेसबुक को बेच दिया था. हालांकि, इसके बाद भी ये दोनों कंपनी के शीर्ष पदों पर बने रहे. लेकिन, बीते साल अक्टूबर में ब्रायन एक्टन ने वाट्सएप को छोड़ दिया. इसके छह महीने बाद बीते मई में जॉन कौम ने भी कंपनी को अलविदा कहने का ऐलान कर दिया.

इस घोषणा के कुछ रोज बाद ही खुलासा हुआ कि जॉन कौम और ब्रायन एक्टन ने वाट्सएप को इसलिए छोड़ा क्योंकि कंपनी के शीर्ष नेतृत्व ने वाट्सएप पर विज्ञापन शुरू करने का फैसला कर लिया है. अमेरिकी मीडिया ने इस मामले से जुड़े कुछ लोगों के हवाले से बताया था कि ये दोनों शुरू से ही वाट्सएप पर विज्ञापन दिखाए जाने के सख्त खिलाफ थे क्योंकि इनका मानना था कि ऐसा करना यूजर की निजता के लिहाज से सही नहीं होगा.

क्यों यूजर्स भी वाट्सएप छोड़ सकते हैं?

वाट्सएप स्टेटस के बीच में विज्ञापनों का दिखाया जाना एप को लेकर यूजर्स का अनुभव खराब कर सकता है. इसके अलावा यूजर्स को एक और चीज भी खटक सकती है, जो उनकी निजता से जुड़ी है. जानकारों का कहना है कि किसी वेबसाइट, सोशल मीडिया साइट या एप पर विज्ञापन देने वाली कंपनियां पहले उसके यूजर्स से जुड़ी कई तरह की जानकारियां देखती हैं क्योंकि इसके आधार पर ही वे विज्ञापन देने का निर्णय लेती हैं. इसके अलावा वेबसाइट और एप भी इस जानकरी से ही यह तय करते हैं कि उनके किस यूजर के लिए कौन सा विज्ञापन सही है.

जाहिर है कि विज्ञापन सेवा शुरू करने के बाद वाट्सएप को भी ऐसा करना होगा. जानकरों के मुताबिक ऐसा होने पर वाट्सएप में उस एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा जिसके द्वारा कंपनी यूजर्स की निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा करती है. ये लोग कहते हैं कि इसी वजह के चलते वाट्सएप पर विज्ञापन शुरू होने के बाद कई यूजर उसे अलविदा कहने का मन बना सकते हैं.