देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बीते साढ़े चार सालों के दौरान अकसर ही सोशल मीडिया पर चर्चा में आते रहे हैं. ऐसे में जाहिर है कि आज उनके जन्मदिन पर फेसबुक और ट्विटर पर उनको लेकर प्रतिक्रियाओं की भरमार होनी ही थी और इसके चलते आज वे यहां ट्रेंडिंग टॉपिक में शामिल हुए हैं.
अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार नेहरू को निशाना बनाया है, हालांकि आज उन्होंने एक ट्वीट करके बतौर प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी उनके योगदान’ को याद किया है. चूंकि मोदी बीते समय में कई बार देश की समस्याओं के लिए नेहरू को जिम्मेदार बता चुके हैं तो इस हवाले से आज उन पर तंज करते हुए एक ट्वीट आया है, ‘उस व्यक्ति को जन्मदिन की शुभकामनाएं जिसने नरेंद्र मोदी को बीते चार साल में कोई काम नहीं करने दिया.’

वहीं कई भाजपा समर्थकों ने आज भी देश के पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ बेसिर-पैर की टिप्पणियां की है. इस बीच कहीं-कहीं संतुलित तरीके से भी नेहरू की आलोचना की गई है. मसलन जस्टिस मार्कण्डेय काटजू का ट्वीट है, ‘धर्मनिरपेक्षता और आधुनिकता को आगे बढ़ाने के लिए नेहरू तारीफ के हकदार हैं लेकिन उन्हें बंटवारे पर सहमत होने के लिए माफ नहीं किया जा सकता. यह भारत के ज्ञात पांच हजार साल के इतिहास में उसके खिलाफ अंजाम दिया गया सबसे बड़ा अपराध था... नेहरू सिर्फ अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने के मकसद से बंटवारे के लिए तैयार हुए थे.’
सोशल मीडिया में देश के पहले प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए आई कुछ और प्रतिक्रियाएं :
सलिल त्रिपाठी | @saliltripathi 5h5 hours ago
नेहरू के युग में आजादी : (आपको लग सकता है कि यह कार्टून भाजपा के किसी आईटी सेल वाले कलाकार ने बनाया है), लेकिन यह कार्टूनिस्ट शंकर ने 1953 में बनाया था. यही नहीं, नेहरू ने उनसे कहा भी था, ‘मुझे भी मत छोड़ना...’ और तब शंकर के ऊपर किसी ने मुकदमा नहीं किया था.
Freedom in Nehru's era: (You'd think this a cartoon by a BJP IT cell artist today). But the cartoonist, Shankar, not only did this in 1953; Nehru even told him, "Don't spare me." And nobody sued Shankar. pic.twitter.com/Cgs9VDAxc3
— Salil Tripathi (@saliltripathi) November 14, 2018
जो पीढ़ी नेहरू को नहीं जानती वह उनपर फैसला देने की कोशिश कर रही है. मैं उन्हें सलाह देना चाहता हूं कि वे पहले ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पढ़ें... यही वो पहली किताब थी जो मेरे पिता ने मुझे पढ़ने के लिए दी थी.
जवाहरलाल नेहरू, आपको जन्मदिन की बधाई! यह बड़ी खुशी की बात है कि आपके बाद आने वाले लोग जो मंदिरों को तवज्जो देते हैं, उनके मुकाबले आप में अकादमिक संस्थानों को तवज्जो देने की दूरदृष्टि थी.
इंडियन हिस्टरी पिक्स | @IndiaHistorypic
1918 : जवाहरलाल नेहरू अपनी पत्नी कमला और इंदिरा के साथ :
1918 :: Jawaharlal Nehru With Wife Kamla and Daughter Indira pic.twitter.com/ccaj7FQhsq
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) November 14, 2018
नेहरू के साथ मेरी कोई तस्वीर नहीं है.
आज भारत की जो तस्वीर है, उसमें मैं हूं.
और यह तस्वीर नेहरू की ही बनाई और खैंची हुई है.
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