भविष्यवाणी की जा सकती है या नहीं, इस पर कई सदियों से बहस जारी है. शायद तबसे, पहली बार जब किसी ने भविष्य में होने वाली घटना का ज़िक्र किया होगा. यह विज्ञान है या नहीं? तारे हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं या नहीं? या फिर ‘हाथों की चंद लकीरों का, ये खेल है सब तकदीरों का’ क्या सच बात है? यकीन से तो कहा नहीं जा सकता. हां, पर भविष्यवेत्ताओं ने दुनिया को अपनी ओर ज़रूर आकर्षित करके रखा हुआ है. आज भविष्यवेत्ता कीरो की बात जिसने हाथ देखने की कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी.
हिंदुस्तान से संबंध
ग्रीक भाषा में कीरो का अर्थ होता है हाथ. विलियम जॉन वार्नर हैमौन उर्फ़ कीरो को दुनिया के मशहूर हस्तरेखा विज्ञानी के तौर पर जाना जाता है. एक नवंबर, 1866 को डबलिन, आयरलैंड में जन्मे वार्नर को यह विद्या भारत से मिली थी. चौंकिए मत! उनके पिता तो उन्हें पादरी बनाना चाहते थे. कहते हैं, ज्योतिष में यकीन करने वाली उनकी मां ने उन्हें रहस्य की किताब पढने को दी जिसने उनके ज़ेहन में उथलपुथल मचा दी. वे सिर्फ दस साल के थे जब उन्होंने हस्तरेखा पर पहला लेख लिखा. पिता को मालूम हुआ, वे नाराज़ हुए और उन्हें पढने के लिए किसी दूसरी जगह भेज दिया. 17 या 18 साल के हैमौन भागकर हिंदुस्तान के बॉम्बे शहर चले आये. तब तक वे इंग्लैंड में रसूखदारों के हाथ पढ़ने के लिए मशहूर हो चुके थे. कीरो तीन साल हिंदुस्तान में रहे और यहां, महाराष्ट्र के एक कोंकणी ब्राहमण परिवार से उन्हें हस्तरेखा को तथाकथित रूप से पढ़ने और समझने का ज्ञान प्राप्त हुआ.
यूरोप और अमेरिका में शोहरत
इंग्लैंड पंहुचकर कीरो ने लोगों के हाथ देखकर उनके भविष्य के बारे में बताना शुरू कर दिया. इंग्लैंड की टोरी पार्टी के नेता आर्थर जेम्स बैलफ़ौर का हाथ देखकर जल्द ही उनके प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी सच साबित हुई. प्रसिद्ध लेखक ऑस्कर वाइल्ड को उन्होंने अपने तौर तरीक़े न सुधारने पर बदनामी होने का डर बताया. सात साल बाद, समलैंगिकता की आदत के चलते, ऑस्कर वाइल्ड की बहुत बदनामी हुई. चंद ऐसे और वाकये हुए और कीरो इंग्लैंड में मशहूर हो गए. बस फिर क्या था? रुतबे वाला हर आदमी उन्हें अपना और परिवार के लोगों का हाथ देखने के लिए बुलाता या जाता और मुंह मांगे दाम भी देता. इंग्लैंड में वे ‘कीरो दा पल्मिस्ट’ के नाम से जाने जाने लगे.

कीरो इतने मशहूर हुए कि उन्होंने लगभग 6000 लोगों के हाथ देख डाले और इस व्यस्तता के चलते वे बीमार पड़ गए. तीन महीने बिस्तर पर बिताने के बाद वे अमेरिका घूमने गए. वहां उन्होंने किसी क़ातिल का हाथ देखा जिसे मौत की सज़ा मुकर्रर हुई थी. हाथ देखकर उससे कीरो ने कहा कि वह बच जाएगा. ऐसा ही हुआ! मृत्यु दंड की सज़ा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया. इंग्लैंड में तो वे जाने ही जाते थे, इस घटना ने उन्हें अमेरिका में भी मशहूर कर दिया.
पिस्तौल लेकर शादी-शुदा महिलाओं का हाथ देखते थे
अच्छी कद-काठी और सुंदर चेहरे-मोहरे वाले कीरो महिलाओं के बीच में चर्चित थे. कह सकते हैं कि वे रसिक थे और माहिलाओं को सम्मोहित करना जानते थे. उन्हें यह पसंद भी था. इसकी वजह से कई बार वे मुश्किलों से भी दो चार हुए. तलाक़ के कई क़िस्सों में उनका नाम आया. कहा जाता है कि जब वे शादी-शुदा महिलाओं के हाथ देखते थे तो पिस्तौल अपने पास रखते थे. ऐसा इसलिए कि पुरुष अपनी पत्नी पर कीरो की आसक्ति और पत्नी का कीरो के प्रति मोह देखकर अक्सर गुस्सा खा जाते. पिस्तौल तो रखते ही थे, इस खतरे से निपटने के लिए कीरो ने जापानी मार्शल कला जिजुत्सू भी सीखी!
कीरो ने अपने बारे में भविष्यवाणी की थी कि उनकी शादी जीवन के उत्तरार्ध में होगी. हक़ीक़त यह है कि उनके प्रेम संबंध ख़ूब थे. पहले विश्व-युद्ध में प्रसिद्ध महिला जासूस माताहारी से भी उनके संबंध थे. यूरोपीय, अमेरिकी और एशियाई मूल की महिलाओं के साथ संबंधों के चलते उन्हें कई देशों की यात्राएं भी करनी पड़ती थीं. और यही वजह थी कि उन्होंने उम्र के ढलान पर शादी की.
कुछ भविष्यवाणियां जो सच साबित हुईं
1911 में कीरो ने इंग्लैंड के लेखक और एडिटर विलियम स्टीड को पानी की यात्रा से आगाह किया था. उन्होंने कीरो की बात नहीं मानी और अप्रैल, 1912 को टाइटैनिक जहाज से यात्रा करने का निश्चय किया. 14 अप्रैल, 1912 को टाइटैनिक डूब गया. बचने वालों में स्टीड का नाम नहीं था!
भारत के राजाओं के ही भविष्यवेत्ताओं पर निर्भर रहने के क़िस्से नहीं है. यह दुनिया भर के राजाओं का हाल था. पर्शिया (फ़ारस) के शाह के वज़ीर को कीरो ने आगाह किया कि पेरिस में शाह की हत्या हो सकती है. वज़ीर ने सावधानी बरतते हुए सुरक्षा चाकचौबंद रखी. पेरिस में वाकई में हमला हुआ पर शाह की जान बच गई. बेल्जियम और इंग्लैंड के शासक कीरो की भविष्यवाणी के अनुसार ही काम करते थे. इंग्लैंड के राजा एडवर्ड तो कीरो पर इतना निर्भर थे कि अपने राज्याभिषेक की तारीख भी उन्होंने कीरो से निकलवाई.
कहते हैं कि कीरो ने 1904 में रूस के ज़ार निकोलस द्वितीय को 1917 में ख़बरदार रहने को कहा था. उस साल ज़ार शासन का ख़ात्मा हो गया था! ‘पंडित’ कीरो को अपना हाथ दिखाने वालों में मार्क ट्वेन, ग्रोवर क्लीवलैंड, विलियम ग्लेडस्टोन, मैक्स म्युलर के अलावा ब्रिटेन के कई नेता और कई हॉलीवुड की हस्तियां शामिल थीं. उन्नीसवीं शताब्दी में अमेरिकी गृह युद्ध के हीरो रॉबर्ट इंगरसोल ने तो यह तक कह दिया कि वे बेशक ख़ुदा, मनुष्य और शैतान में यकीन करें न करें, कीरो की बात पर उन्हें हमेशा यकीन रहेगा.
कीरो के समर्थकों द्वारा उनकी भविष्यवाणियों में वैश्विक घटनाओं के पहले ही बताने का दावा किया जाता है. मसलन, बोअर वॉर और पहले विश्वयुद्ध की भविष्यवाणी, यहूदियों के फिलीस्तीन में बसने और स्पेन में तानाशाह शासन होने की बात उन्होंने पहले ही बता दी थी. कहते हैं कि उन्होंने भारत के विभाजन की भी भविष्यवाणी की थी.
जीवन के अंतिम साल कीरो ने बॉलीवुड में बिताये. आठ अक्टूबर, 1969 को उनका देहांत हो गया. उनकी पत्नी के मुताबिक़ अपनी मौत की भविष्यवाणी उन्होंने एक दिन पहले ही कर दी थी. नर्स जो उस वक़्त उनके क़रीब थी, उसने बयान दिया कि जब उन्होंने अंतिम सांस ली, उनके कमरे के बाहर दीवार पर टंगी घड़ी की घंटे वाली सुई ने एक बजे तीन बार घंटा बजाया था.
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