लोकपाल चयन के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के प्रति कुछ सख़्त रुख़ दिखाया है. शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में गुरुवार को सुनवाई की. इस दौरान बेंच ने सरकार को 10 दिन का वक़्त दिया. इस अवधि में सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि लोकपाल चयन समिति की बैठक कब होगी.
अदालत के आदेश के बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगाेपाल ने कहा कि वे केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को सूचित कर देंगे. कोशिश की जाएगी कि जितनी जल्दी हो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति की बैठक आयोजित कर ली जाए. उन्होंने अदालत को यह जानकारी भी दी कि लाेकपाल चयन के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में छानबीन समिति बनी है. उसने लोकपाल संस्था के अध्यक्ष और न्यायिक तथा ग़ैरन्यायिक सदस्यों के नामों के लिए तीन पैनलाें की अनुशंसा की है.
अदालत इस मामले में ग़ैरसरकारी संस्था ‘कॉमन कॉज़’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस संस्था ने देसाई समिति द्वारा सुझाए गए पैनलों में शामिल नामों का ख़ुलासा करने की मांग भी की थी. लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मांग को ख़ारिज़ कर दिया. संस्था ने सरकार के ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज़ कराया है. उसका आरोप है कि शीर्ष अदालत ने 27 अप्रैल 2017 के अपने फ़ैसले में सरकार से जल्द से जल्द लोकपाल की नियुक्ति करने को कहा था. लेकिन सरकार ने अब तक यह आदेश नहीं माना है.
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