रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस जियो ने दूरसंचार संपत्तियों की बिक्री के करार को समाप्त कर दिया है. करीब 15 माह पहले अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की संपत्तियों की बिक्री अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी को करने का करार किया था.
पीटीआई के मुताबिक दोनों समूहों ने सोमवार को इस करार को निरस्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार और ऋणदाताओं से मंजूरी मिलने में देरी की वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है. आरकॉम ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कई कारणों की वजह से इस सौदे को तय की गई शर्तों के अनुरूप पूरा करना मुश्किल था.
इसमें एक प्रमुख वजह यह है कि 15 महीने और 45 बैठकों के बाद भी आरकॉम के करीब 40 विदेशी और भारतीय ऋणदाताओं से प्रस्तावित सौदे के बारे में सहमति या अनापत्ति नहीं मिल पाई. इसके अलावा दूरसंचार विभाग से अनुमति और मंजूरियां मिलने में भी विलंब हुआ.
इसके अलावा एक अन्य प्रमुख वजह आरकॉम के बोर्ड द्वारा एक फरवरी, 2019 को लिया गया फैसला है जिसमें कंपनी के ऋण बोझ का राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के जरिये तेजी से निपटान किया जाना है. साथ ही न्यायाधिकरण ने 4 फरवरी, 2019 को आदेश जारी कर आरकॉम, आरटीएल और आरआईटीएल की चल या अचल संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी है.
दिसंबर, 2017 में आरकॉम ने वायरलेस स्पेक्ट्रम, टावर, फाइबर और मीडिया कन्वर्जेंस नोड्स संपत्तियों की बिक्री के लिए रिलायंस जियो से करार किया था. इस राशि का इस्तेमाल कंपनी के भारी भरकम 46,000 करोड़ रुपये के कर्ज को कम करने के लिए किया जाना था.
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