लगभग दिवालिया होने के कग़ार पर पहुंच चुकी जेट एयरवेज़ के पायलटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काे चिट्ठी लिखी है. नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु को भी इसकी प्रति भेजी है. इसमें पायलटों ने आग्रह किया कि उनकी ‘अटकी हुई तनख़्वाह दिलवाई जाए.’
अपनी चिट्ठी में जेट एयरवेज़ के पायलटों ने कहा, ‘हमें डर है कि एयरलाइन अब बिल्कुल कंगाल हो चुकी है. यह कभी भी ढह सकती है. इससे हज़ारों कर्मचारियों के बेरोज़ग़ार होने की आशंका है. यही नहीं नागरिक उड्डयन उद्याेग पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा. एयरलाइंस के बंद होने के बाद हवाई यात्रा के किराए में भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है. हवाई यात्रियों को भी निश्चित तौर पर असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि उन्हें लाने-ले जाने वाले विमानों की तादाद भी घट जाएगी.’
पत्र में बताया गया है, ‘जेट एयरवेज़ के पायलटों-इंजीनियरों का तीन-तीन महीने का वेतन-भत्ता लंबित है. बाकी स्टाफ को समय पर तनख़्वाह मिल रही है. और एयरलाइंस जिस वित्तीय संकट के दौर में है उसे देखकर लगता नहीं कि पायलटों-इंजीनियरों का लंबित वेतन जल्द मिलेगा. पायलटों ने अब तक अपने पेशेवर रवैये का परिचय दिया है. विमानों का संचालन जारी रखा है. ताकि यात्रियों को असुविधा न हो. लेकिन प्रबंधन उनकी परेशानी नहीं देख रहा है. ऐसे में सरकार को दख़ल देना चाहिए.’
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