लोक सभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान ही देश के पहले लोकपाल की स्थापना भी हो गई है. शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पीसी घोष को लोकपाल के पद की शपथ दिलाई है.

राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस पीसी (पिनाकी चंद्र) घोष को शपथ दिलाई गई. इसी महीने की 19 तारीख़ को इस पद पर जस्टिस घोष की नियुक्ति की गई थी. जस्टिस घोष मार्च 2013 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए गए थे. वहां मई 2017 तक उनका कार्यकाल रहा था. लोकपाल के तौर पर नियुक्ति से पहले वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य के तौर पर काम कर रहे थे. जस्टिस घोष उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया था.

हालांकि लोकपाल की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की सख़्ती के बाद हो सकी है. शीर्ष अदालत ने इस महीने के पहले सप्ताह में लोकपाल की नियुक्ति संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार काे सख़्त निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को 10 दिनों में यह बताने को कहा था कि लोकपाल चयन समिति की बैठक कब होगी. इस बारे में अदालत को तुरंत सूचित करने के लिए भी कहा गया था. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा था कि वे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे कि चयन समिति की बैठक जल्द से जल्द बुलाई जाए.