शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आदर्श चुनाव आचार संहिता को खुली चुनौती देते हुए इस संबंध में एक विवादित बयान दिया है. खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा है, ‘वैसे तो हम कानून मानने वाले लोग हैं. और चुनाव के दौरान हमारे ऊपर एक दबाव बना रहता है कि कहीं आचार संहिता का उल्लंघन न हो जाए.’ इसके साथ ही संजय राउत का आगे कहना था, ‘भाड़ में गया कानून. आचार संहिता को भी हम देख लेंगे. जो बात हमारे मन में है, वो अगर मन से बाहर नहीं निकालें तो घुटन सी होती है.’ शिवसेना नेता राउत ने यह बात महाराष्ट्र के मीरा-भयंदर उपनगर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही है.
#WATCH Maharashtra: Shiv Sena's Sanjay Raut speaks on Model Code of Conduct during Elections. Says, "...Hum aise log hain, bhaad mein gaya kanoon, achar sanhita bhi hum dekh lenge. Jo baat hamare mann mein hai wo agar hum mann se bahar nahi nikalein to ghutan si hoti hai" (14.04) pic.twitter.com/9B6w1yAawJ
— ANI (@ANI) April 15, 2019
संजय राउत के इस बयान पर फिलहाल चुनाव आयोग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि आदर्श चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन के एक अन्य मामले में उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस थमाया जा चुका है. वह नोटिस उन्हें मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रत्याशी कन्हैया कुमार पर टिप्पणी करने के लिए दिया गया था.
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा था कि कन्हैया कुमार की हर हाल में हार होनी चाहिए. चाहे इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ ही क्यों न करानी पड़े. तब राउत की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मुंबई सिटी के कलेक्टर ने उसे वोटरों में ईवीएम के प्रति विश्वास कम करने वाला भी बताया था.
इधर, लोकसभा के इस चुनाव में विभिन्न पार्टियों के नेताओं की तरफ से दिए बयानों पर चुनाव आयोग उन्हें नोटिस जारी कर चुका है. इस क्रम में आज आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव प्रचार करने पर तीन दिन की रोक लगा दी है. इसी तरह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती पर भी उनके एक बयान को देखते हुए कार्रवाई की गई है. इसके तहत बसपा प्रमुख दो दिन तक अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के लिए प्रचार नहीं कर सकेंगी.
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