हिंदी फिल्मों की पूर्व अभिनेत्री जया प्रदा का कहना है कि वे जब समाजवादी पार्टी में थीं तो उन्होंने अपनी गरिमा खो दी थी. सपा के नेता उनके फिल्मी करियर को लेकर अभद्र टिप्पणियां किया करते थे. लेकिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद उन्हें उनकी खोई हुई गरिमा वापस मिली है. द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह बात कही.
जया प्रदा इस बार उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. यहां से वे दो बार लोक सभा के लिए चुनी जा चुकी हैं लेकिन सपा के टिकट पर. हालांकि इस बार उनका मुकाबला उनके पुराने साथी और सपा के बड़े नेता आज़म खान से है, जिन पर जया प्रदा सीधे हमले बोल रही हैं. अपने साक्षात्कार के दौरान भी उन्होंने कहा, ‘रामपुर के लोग मुझे 2004 से जानते हैं. मैंने हिंदू और मुसलमान ने कभी फ़र्क़ नहीं किया. लेकिन आज़म खान सांप्रदायिक व्यक्ति हैं. इसी सोच की वज़ह से जब उन्होंने हिंदू समाज में मेरी लोकप्रियता बढ़ती देखी तो 2009 से सपा में मुझे पूरी तरह अलग-थलग करने में जुट गए.’
जया प्रदा ने कहा, ‘रामपुर के लाेगों ने कभी मेरे सम्मान में कमी नहीं की. लेकिन आज़म खान ने कई मौकों पर मेरे लिए ‘नाचने-गाने वाली’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए.’ उन्होंने चुनाव जीतने का पूरा भरोसा जताते हुए यह भी कहा कि मौका मिला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी सरकार में काम करना उनके लिए सम्मान की बात होगी. हालांकि यह भी जोड़ा कि अभी पहला लक्ष्य चुनाव जीतना है.
मायावती को ‘प्रतिकूल मशविरा’ देने के लिए जया प्रदा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़
इधर एक अन्य ख़बर के मुताबिक जया प्रदा के ख़िलाफ़ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज़ किया गया है. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को ‘प्रतिकूल मशविरा’ देने के लिए जया प्रदा के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज़ किया गया है. उन्होंने 18 अप्रैल को कैमरी में एक जनसभा के दौरान कहा था, ‘आज़म खान ने मेरे ऊपर जो टिप्पणी की है उसे ध्यान में रखते हुए मायावती जी आपको भी विचार करना चाहिए. उनकी (आज़म की) एक्सरे जैसी आंखें न जाने आपके ऊपर भी कहां-कहां डालकर देखेंगी.’
ग़ौरतलब है कि इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. साथ में यह भी ध्यान रखने की बात है कि आज़म खान ने कुछ समय पहले ही जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, ‘मैं उनको (जया प्रदा) रामपुर लाया. बीते 17 साल में कोई उनके शरीर को छू तक नहीं सका. लेकिन अभी 17 दिनों में मुझे पता चला है कि उन्होंने खाकी निक्कर (भाजपा में शामिल होने के वज़ह से) पहन ली है.’ आज़म खान के इस बयान की वज़ह से चुनाव आयोग ने उन पर 72 घंटे का प्रतिबंध भी लगाया था. इस अवधि में उन्हें सभी चुनावी कार्यक्रमों से दूर रहना पड़ा था.
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