ताइवान ने अमेरिका से अत्याधुनिक टैंक और मिसाइलें खरीदने की घोषणा कर दी है. शुक्रवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह मीडिया को इसकी जानकारी दी है.
ताइवानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उसने अमेरिका को 108 एम-1 ए-2 अब्राम्स युद्धक टैंक, 1500 से अधिक टैंक रोधी मिसाइलें और कंधे पर रखकर दागी जाने वाली 250 स्टिंगर विमान भेदी मिसाइलें खरीदने का प्रस्ताव भेजा है. मंत्रालय के मुताबिक उसके इस प्रस्ताव पर अमेरिका सामान्य तरीके से काम कर रहा है.
पीटीआई के मुताबिक कुछ खबरों में यह भी कहा गया है कि ताइवान ने अमेरिकी सरकार को 66 एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदने का भी प्रस्ताव भेजा है. ब्लूमबर्ग न्यूज की एक खबर से इस मामले पर अमेरिका के पक्ष का भी पता लगा है. इस खबर के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने देश की संसद (कांग्रेस) को अनौपचारिक रूप से ताइवान के साथ हुए दो अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री से जुड़े करार के बारे में जानकारी दी है.
उधर, ताइवान से आई इस खबर पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. चीन ने अमेरिका और ताइवान के बीच हुई इस डील पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि इसे लेकर वह बेहद चिंतिति है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरूवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम इस डील को लेकर काफी चिंता में हैं...हमने अमेरिका को बार-बार जोर देकर कहा है कि वह ताइवान को हथियार बेचने के अपने फैसले के गंभीर नतीजों को पूरी तरह समझे और एक चीन सिद्धांत का पालन करे.’
साल 1949 में चीनी गृह युद्ध की समाप्ति के बाद से ताइवान का शासन अलग संचालित होता रहा है, लेकिन चीन अभी भी इसे अपना क्षेत्र ही मानता है. चीन कई बार कह चुका है कि वह ताइवान को एक दिन अपने नियंत्रण में लेकर रहेगा, भले ही उसे इसके लिए बल प्रयोग करना पड़े.
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