कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के अंशदान की दर 6.5 प्रतिशत से घटा कर चार प्रतिशत कर दी गई है. सरकार ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. 1997 के बाद यह पहली बार है जब ईएसआई दर में कमी की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक ईएसआई के तहत नियोक्ता का योगदान 4.75 प्रतिशत से 3.25 प्रतिशत हो गया है. वहीं, कर्मचारी का योगदान 1.75 प्रतिशत से 0.75 प्रतिशत हो गया है. कम हुई दरें एक जुलाई से प्रभाव में आएंगी. रिपोर्ट की मानें तो करीब 3.6 करोड़ कर्मचारियों और 12.85 लाख नियोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा.
सरकार ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि दरें कम होने से ईएसआई में कर्मचारियों के नामांकन बढ़ने में मदद मिलेगी. बयान के मुताबिक इसी तरह नियोक्ताओं का योगदान कम करने से कंपनियों का वित्तीय दायित्व कम होगा और उनकी व्यावहारिकता में सुधार होगा. बयान की मानें तो इससे व्यापार के लिए उचित माहौल भी बनेगा. साथ ही, कंपनी कानून के अनुपालन में सुधार देखने को मिलेगा.
ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारी अपने परिवार के साथ उचित मेडिकल, सर्जिकल और प्रसूति संबंधी इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. ये सुविधाएं ईएसआई डिस्पेंसरी, अस्पतालों, डायग्नॉस्टिक केंद्रों और मान्यता प्राप्त संस्थानों में उपलब्ध होंगी. योजना के तहत बीमारी के दौरान वेतन का 70 प्रतिशत लाभ दिया जाएगा. यह सुविधा साल में 91 दिनों के लिए होगी. वहीं, प्रसूति के दौरान 26 हफ्तों (छह महीने) तक सौ प्रतिशत वेतन दिया जाएगा. डॉक्टर की सलाह के आधार पर इस सुविधा की मियाद एक महीना बढ़ाई जा सकती है. साथ ही, स्थायी अक्षमता की स्थिति में वेतन का 90 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा.
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