पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करने वाले भारतीय वायु सेना के दो पायलटों ने बताया है कि यह पूरा मिशन महज 90 सेकेंडों में अंजाम दिया गया था. इन पायलटों के मुताबिक मिशन को इतना गुप्त रखा गया था कि उनके घर के करीबी सदस्यों तक को इसका नहीं पता था. ये दोनों पायलट मिशन को अंजाम देने वाले मिराज 2000 लड़ाकू विमान उड़ा रहे थे. इन्हीं विमानों से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बमबारी की गई थी.

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक पायलट ने कहा, ‘यह सब 90 सेकेंड में हुआ. हमने बम गिराए और वापस आ गए. किसी को भी इसका नहीं पता था. यहां तक की मेरे परिवार को भी. अगले दिन जब खबर ब्रेक हुई तो मेरी पत्नी ने पूछा कि क्या मैं भी हमले का हिस्सा था. मैंने कोई जवाब नहीं दिया और सो गया.’

वहीं, वायु सेना के एक अन्य स्क्वाड्रन लीडर ने कहा कि उन्होंने सीमा रेखा के पास कई बार हवाई निगरानी के तहत लड़ाकू विमान उड़ाए हैं. उनके मुताबिक बालाकोट मिशन के बारे में उन्हें केवल दो दिन पहले पता चला. पायलट ने कहा, ‘हम जानते थे कि कुछ तो होने वाला है, लेकिन तस्वीर साफ नहीं थी.’ इस दूसरे पायलट ने आगे बताया, ‘हम तरह-तरह के युद्धाभ्यास कर रहे थे. 25 फरवरी की दोपहर चार बजे के आसपास मिराज 2000 विमानों में स्पाइस-2000 (मिसाइलें) लोड की गई थीं. आतंकी प्रशिक्षिण शिविर से जुड़ी विशेष जानकारी हथियारों के सिस्टम में डाली गई थी. उस रात (26 फरवरी) हमने दो बजे उड़ान भरी.’

वहीं, पहले पायलट ने बताया कि मिशन से पहले वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे किसी भी तरह का संकेत नहीं दिया था. उन्होंने अपनी रोज की गतिविधियों में कोई बदलाव नहीं किया था. इस दौरान तय किया गया कि हमला किस रास्ते से किया जाएगा. इस बारे में पायलट नें कहा, ‘हमने जानबूझ कर लंबा रास्ता चुना और देश के पूर्वी हिस्से से उड़ा भरी. जब हम कश्मीर में घुसे तो रेडियो पर बातचीत बंद कर दी. सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि पाकिस्तानी विमान हमारे आसपास नहीं रह गए थे.’ वहीं, इस सवाल पर कि क्या बम सही जगह पर गिरे, पायलट ने कहा, ‘बिलकुल. टारगेट हमारे सामने था.’