कल हुए क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैच को लेकर सोशल मीडिया पर आज भी बहस जारी है. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुआ यह मैच टाई हो गया था. इसके बाद जब सुपरओवर खेला गया तो उसमें भी दोनों टीमों ने बराबर का स्कोर किया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियम के मुताबिक ज्यादा चौके मारने वाली टीम इंग्लैंड को विश्व कप विजेता घोषित कर दिया गया. सोशल मीडिया में ज्यादातर लोगों ने इस नियम के चलते आईसीसी को जमकर कोसा है और कई मजेदार प्रतिक्रियाएं की हैं. कुछ ऐसी ही प्रतिक्रियाएं :

आईसीसी के मुताबिक सौ-सौ के पांच नोट पांच सौ के एक नोट से ज्यादा कीमती होते हैं.
अगर विश्व कप के फाइनल में ये हो सकता है, तो मेरे ख्याल से एक दिन यह नियम भी बनेगा कि जो टीम ज्यादा चौके मारेगी वह जीत जाएगी, भले ही उसने सामने वाली टीम से ज्यादा रन बनाए हों या नहीं.
यहां तक कि गली क्रिकेट में भी आईसीसी से बेहतर नियम होते हैं.
उन सबके लिए जो गलत नियमों के लिए आईसीसी को कोस रहे हैं :
For all those blaming unjustifiable rules #iccrules pic.twitter.com/tlSLxdiAdW
— Satyajit (@Satyaji30322170) July 15, 2019
अगर चौकों की संख्या भी बराबर आती तो दसवीं या बारहवीं के नंबरों से तय होता कि क्रिकेट का विश्व विजेता कौन बनेगा.
नियम खेल की मूल भावना (जहां सबको बराबरी के मौके मिलते हैं) को मजबूत करने के लिए बनाए जाते हैं, इसे कमजोर करने के लिए नहीं. इस बात का क्या मतलब है कि जो टीम ज्यादा चौके मारेगी वह मैच जीतेगी. यह विश्वकप का फाइनल था, गली-मोहल्ले का कोई मैच नहीं.
सैय्यद अर्सलान | @SyedArs33364238
46 दिन में 48 मैच कराए गए. इसके बाद विश्व विजेता का फैसला इससे करना कि किस टीम ने ज्यादा चौके मारे, बेमतलब है.
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