पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आ गई है. उसे यह पैरोल अपनी बेटी हरिथ्रा की शादी की तैयारियों के लिए मिली है. बीते 28 सालों से जेल में कैद नलिनी श्रीहरन के लिए यह पहला मौका है जब वह इतनी लंबी अवधि के लिए जेल से बाहर निकली है. इससे पहले बीते साल अपने पिता की मौत पर उनके अंतिम दर्शन के लिए नलिनी को एक दिन की पैरोल मिली थी.
Nalini Sriharan, convict in Rajiv Gandhi assassination case, released on a month- long ordinary parole from Vellore central prison today, to make arrangements for her daughter's wedding. Madras High Court on 5th July granted her the parole. pic.twitter.com/Gi4p5usSu4
— ANI (@ANI) July 25, 2019
बेटी की शादी को लेकर नलिनी श्रीहरन ने मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष उसे छह महीने की पैरोल दिए जाने की याचिका लगाई थी. तब उसने यह तर्क भी दिया था कि दो साल की सजा काटने के बाद कैदियों को एक माह पैरोल पर जेल से बाहर जाने की अनुमति मिलती है. और चूंकि वह इतने सालों में एक बार भी पैरोल पर बाहर नहीं निकली ऐसे में उसे लंबी अवधि की पैरोल की मंजूरी मिलनी चाहिए. हालांकि हाईकोर्ट ने उस मांग को ठुकराते हुए उसे एक महीने की पैरोल दी थी.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पैरोल के दौरान उसके वेल्लोर छोड़ने पर रोक भी लगा दी थी. साथ ही अदालत ने इस अवधि में किसी राजनेता से मुलाकात करने के अलावा मीडिया से बातचीत नहीं करने को लेकर भी उसे ताकीद दी थी. इसके अलावा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पैरोल के दौरान नलिनी की सुरक्षा का खर्च राज्य सरकार को उठाने के लिए कहा था.
21 मई 1991 को लिट्टे आतंकवादियों ने एक आत्मघाती हमले के जरिये तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. हत्या के उस मामले में अदालत ने नलिनी श्रीहरन को भी दोषी मानते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी. लेकिन बाद में उस सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था.
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