लंबे इंतजार के बाद दक्षिण कोरियाई कंपनी ह्युंडई ने भारत में अपनी लोकप्रिय हैचबैक ग्रैंड आई-10 का नया अवतार ‘निऑस’ लॉन्च कर दिया है. यह आई-10 की तीसरी पीढ़ी है और इसका ग्लोबल डेब्यू भारत से ही किया गया है. बताया जा रहा है कि विश्व के दूसरे बाज़ारों के लिए भी नई ग्रैंड आई-10 को भारत में ही तैयार किया जाएगा. भारत में इस कार के बेस वेरिएंट की कीमत 4.99 लाख रुपए (एक्सशोरूम दिल्ली) तय की गई है जो इसके टॉप एंड वेरिएंट के लिए 7.99 लाख रुपए (एक्सशोरुम दिल्ली) तक जाती है. जानकारी के अनुसार भारतीय बाज़ार में निऑस को आई-10 के मौजूदा मॉडल के साथ ही बेचा जाएगा.
ह्युंडई ने ग्रैंड आई-10 निऑस के कुल दस वेरिएंट पेश किए हैं. इनमें चार ट्रिम पेट्रोल मैनुअल, दो ट्रिम पेट्रोल ऑटोमेटिक, एक ट्रिम डुअल टोन (पेट्रोल), दो ट्रिम डीज़ल मैनुअल और एक डीज़ल ऑटोमेटिक है. ह्युंडई ने ग्रांड आई-10 निऑस को छह रंगों- पोलर व्हाइट, टाइफून सिल्वर, टाइटन ग्रे, फेयरी रेड, अल्फा ब्लू, एक्वा टील में लॉन्च किया है. इनमें से डुअल टोन के तौर पर पोलर व्हाइट और एक्वा टील कलर्स के साथ ब्लैक रूफ दी गई है.
यदि ग्रैंड आई-10 निऑस के लुक्स की बात करें तो ह्युंडई ने ग्लोबल डिज़ाइन लैंग्वेज को ध्यान में रखते हुए बिल्कुल फ्रेश फेस दिया है. कार के साथ दिए गए कई तरह के एंगुलर एलीमेंट लुक्स के मामले में इसे नया बनाते हैं. नई आई-10 की फ्रंट ग्रिल को भी बदल दिया गया है. इसकी इनसाइड बाउंड्री में दिए गए बूमरैंग एलईडी डे-टाइम रनिंग लैंप (डीआरएल) इसे पहले से बिल्कुल अलग अंदाज देते हैं. वहीं फॉग लैंप ट्राइंगुलर शेप के बॉक्स में अपनी ख़ूबसूरत मौज़ूदगी दर्ज़ करवाते हैं. कार के बोनट को कुछ ऐसे तैयार किया गया है कि यह पहले से बोल्ड नज़र आती है. यदि कार की साइड प्रोफाइल देखें तो यहां फ्लोटिंग रूफ, नई डिज़ाइन के 15-इंच डायमंड कट अलॉय व्हील्स और क्रोम डॉर हैंडल्स के साथ दिए राइजिंग विंडो लाइन इसे प्रीमियम हैचबैक का फील देती है.

यदि कार के इंटिरियर की बात करें तो यहां भी ह्युंडई ने नई आई-10 निऑस को प्रीमियम टच देने की कोशिश की है. डैशबोर्ड पर 8-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जो एपल कार प्ले और एंड्रॉइड ऑटो को सपोर्ट करता है. कार के साथ दिए स्टीअरिंग और एसी वेंट्स हाल ही में लॉन्च हुई कंपनी की ही सबकॉम्पैक एसयूवी वेन्यू से लिए गए हैं. यदि कार के अन्य फीचर्स की बात करें तो इनमें आर्कमिस साउंड सिस्टम (टॉप एंड वेरिएंट), वायरलैस फोन चार्जर, ऑटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल और रियर एसी वेंट्स शामिल हैं.
सुरक्षा के लिहाज से ह्युंडई ग्रांड आई-10 निऑस के साथ एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस), इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रिब्यूशन (ईबीडी), डुअल एयरबैग्स, रियर पार्किंग सेंसर, ड्राइवर एंड पैसेंजर सीटबेल्ट रिमाइंडर और स्पीड अलर्ट सिस्टम स्टैडर्ड तौर पर शामिल किए गए हैं. वहीं कार के टॉप एंड वेरिएंट में रियर व्यू कैमरा, हैडलैंप एस्कॉर्ट सिस्टम, स्पीड सेंसिंग डोर लॉक और इंपेक्ट सेसिंग डोर लॉक सिस्टम दिए गए हैं. कार को तैयार करने में 65 प्रतिशत एडवांस्ड हाई स्ट्रेंथ स्टील (एएचएसएस) का इस्तेमाल किया गया है.

यदि परफॉर्मेंस की बात करें तो ग्रांड आई-10 निऑस के साथ मौजूदा 1.2 लीटर का पेट्रोल और डीज़ल इंजन इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें से पेट्रोल इंजन 82 बीएचपी की पॉवर के साथ 114 एनएम का टॉर्क पैदा करने में सक्षम है. इस इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 5-स्पीड एएमटी ट्रांसमिशन बॉक्स विकल्प के तौर पर जोड़ा गया है. वहीं कार के साथ लगा डीज़ल इंजन 74 बीएचपी पॉवर के साथ 190 एनएम अधिकतम टॉर्क पैदा करता है. इस इंजन को भी 5-स्पीड मैनुअल के साथ 5-स्पीड एएमटी ट्रांसमिशन बॉक्स से जोड़ा गया है. कार का पेट्रोल इंजन मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 20.7 किलोमीटर/लीटर और एएमटी के साथ 20.2 किमी/लीटर की माइलेज देन में सक्षम है. वहीं डीज़ल वेरिएंट की बात करें तो उसके दोनों ही वेरिएंट समान 26.2 किमी/लीटर की माइलेज देते हैं.
ह्युंडई ने ग्रैंड आई-10 निऑस को तब लॉन्च किया है जब भारतीय ऑटोसेक्टर भारी मंदी के दौर से गुज़र रहा है. इसके चलते अधिकतर प्रमुख कारों की बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज़ की गई है. लेकिन लॉन्च से पहले ही आई-10 निऑस मंदी के प्रभाव को तोड़ती नज़र आती है. इस बात को कार को मिली बुकिंग के आंकड़े से समझा जा सकता है जो इसके लॉन्च होने से पहले ही 5000 को पार कर गया. इसके चलते ह्युंडई को इस साल बाज़ार में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. इससे पहले ह्युंडई की सबकॉम्पैक एसयूवी वेन्यू भी मंदी के बीच बिक्री के मोर्चे पर कमाल करने में सफल रही है. लॉन्च होने के महज साठ दिन के भीतर वेन्यू को 50 हजार बुकिंग मिल चुकी हैं.
हालांकि आई-10 निऑस को बाज़ार से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के बावज़ूद कह पाना थोड़ा मुश्किल है कि इसके आने से मारुति-सुज़ुकी स्विफ्ट की बिक्री पर कितना असर पड़ेगा! लेकिन यह तय माना जा रहा है कि ह्युंडई की यह नई पेशकश अपने और अपने से ऊपर वाले सेगमेंट में मौजूद दूसरी गाड़ियों, जैसे- फोर्ड फीगो और फॉक्सवैगन पोलो जैसी गाड़ियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है.
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