भारत के इतिहास में दो अक्टूबर के दिन का एक खास महत्व है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह इस तारीख को भी राष्ट्रीय पर्व का दर्जा हासिल है. यह दिन देश की दो महान विभूतियों के जन्मदिन के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था और उनके कार्यों और विचारों ने आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक है.
देश दुनिया के इतिहास में दो अक्टूबर की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
1836 : प्रकृतिविद् चार्ल्स डारविन अपने अध्ययन से जुड़ी महत्वपूर्ण सामग्री इकट्ठा करके पांच साल की यात्रा के बाद इंग्लैंड वापिस लौटे.
1906 : राजा रवि वर्मा का निधन.
1929 : गांधी जी ने नवजीवन कार्यालय को एक सार्वजनिक न्यास बनाया.
1951 : श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ की स्थापना की.
1952 : सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरूआत.
1955 : मद्रास के पेरंबूर में इंटिग्रल कोच फैक्टरी ने रेल का पहला डिब्बा बनाया.
1961 : बम्बई में शिपिंग कोरपोरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना.
1968 : मैक्सिको सिटी में होने वाले ओलंपिक खेल शुरू होने से पहले छात्रों का खूनी आंदोलन. पुलिस के साथ संघर्ष में 25 की मौत.
1968 : ब्रिटेन की एक महिला ने एक साथ छह बच्चों को जन्म दिया. देश के इतिहास में पहली बार बर्मिंघम की शीला थोर्न्स ने गर्भ की निर्धारित अवधि से दो महीने पहले आपरेशन के जरिए चार लड़कों और दो लड़कियों को जन्म दिया.
1971 : बिरला सदन को भारत के राष्ट्रपति ने देश को समर्पित किया. महात्मा गांधी की हत्या इसी भवन में की गई थी और इसका नाम बदलकर गांधी सदन कर दिया गया.
1985 : दहेज निषेध संशोधन अधिनियम लागू.
1988 : मंडपम और पंबन को जोड़ने वाले समुद्र के ऊपर बने उस समय के सबसे बड़े सड़क पुल को यातायात के लिए खोला गया.
2000 : भारत और रूस के बीच पुराने दोस्ताना संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिन की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे.
2001 : 19 देशों के संगठन नाटो ने अफ़ग़ानिस्तान पर हमले के लिए हरी झंडी दी.
2006 : परमाणु ईधन आपूर्ति मामले में दक्षिण अफ़्रीका ने भारत को समर्थन देने का फैसला किया.
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