कल तक खबरें चल रही थीं कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बैठक में उद्धव ठाकरे को गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति हो गई है. लेकिन सुबह होते-होते खबर आई कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं. एनसीपी के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई.

यह नाटकीय घटनाक्रम यहीं नहीं रुका. इसके थोड़ी ही देर बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार का ट्वीट आया. उन्होंने कहा कि भाजपा को समर्थन देना उनके भतीजे अजित पवार का निजी फैसला है जिसका वे समर्थन नहीं करते. इसके बाद खबर आई कि अजित पवार को एनसीपी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है. थोड़ी देर बाद शरद पवार और शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने दावा किया कि सिर्फ इक्का-दुक्का विधायक ही अजित पवार के साथ भाजपा के खेमे में गए हैं और संख्या बल अब भी तीनों पार्टियों के पास है.

सवाल उठता है कि रातों-रात बाजी इस तरह कैसे पलट गई. अलग-अलग जगहों पर सूत्रों के हवाले से इस बारे में अलग-अलग जानकारियां मिल रही हैं. बताया जा रहा है कि रात करीब 12 बजे अजित पवार और भाजपा में मामला पक्का हुआ. इसके तुरंत बाद देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी को सूचना दी कि शपथ ग्रहण की तैयारी की जाए और यह इस तरह हो कि शिवसेना और कांग्रेस को कानों-कान खबर न हो.

बताया जाता है कि इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दिल्ली की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी. इसके बाद रात करीब दो बजे राज्यपाल के सचिव को निर्देश मिला कि सुबह पौने छह बजे के करीब राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की अधिसूचना जारी की जाए और साढ़े छह बजे के आसपास शपथ ग्रहण की व्यवस्था की जाए.

बताते हैं कि रात पौने दो बजे से लेकर सुबह तक अजित पवार देवेंद्र फडणवीस के साथ रहे. शिवसेना नेता संजय राउत ने आज कहा भी कि रात को तीनों दलों की साझा बैठक के बाद अजित पवार गायब हो गए थे. सुबह साढ़े पांच बजे दोनों राजभवन पहुंचे. इस बीच राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना जारी की गई. हालांकि इसकी घोषणा सुबह नौ बजे हुई. सुबह करीब आठ बजे शपथ ग्रहण शुरू हुआ और इसके साथ ही महाराष्ट्र में बाजी पूरी तरह पलट गई.

शरद पवार का यह भी आरोप है कि अजित पवार ने उस समर्थन पत्र में गड़बड़झाला किया जिस पर पार्टी विधायकों के हस्ताक्षर थे. शिवसेना ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है. शरद पवार का यह भी कहना है कि इक्का-दुक्का को छोड़कर सभी विधायक उनके साथ हैं. थोड़ी ही देर में एनसीपी ने सभी पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है. यानी जल्द ही मामला साफ हो जाएगा.